बिरसा मुंडा विधायक परिचय सूची

नाम : मां. श्री दत्त शर्मा
पद : विधान सभा सदस्य (विधायक)
विधानसभा : 66 - घोंडा
ज़िला : उत्तर पूर्वी दिल्ली
राज्य : दिल्ली
पार्टी : आम आदमी पार्टी
सम्मान पत्र :

प्रमाणित किया जाता है माननीय विधायक जी ने 

परिचय :

Shri Dutt Sharma

MLA, Sixth Legislative Assembly of Delhi

Incumbent

Assumed office 

Mar 2015

ConstituencyGhonda (Assembly constituency)

Personal details

BornJuly 1, 1960 (age 58)[1]

Delhi[1]

Nationality India

Political partyAam Aadmi Party[1]

ResidenceDelhi

Alma materIntermediate Examination from CBSE[2]

ProfessionBusinessman & Politician

 

घोंडा (विधान सभा) निर्वाचन क्षेत्र के बारे में 

घोंडा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में एक आवासीय क्षेत्र है। घोंडा का विधानसभा क्षेत्र उत्तर पूर्व दिल्ली संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। विधानसभा चुनाव २०१५ में घोंडा निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी समर्थित श्र्री दत्त शर्मा ने ( 60906) मत पाकर बीजेपी समर्थित साहब सिंह चौहान (52813) प्राप्त मत को लगभग ८ हज़ार वोटों से हराकर विजय प्राप्त की  पूर्व में कांग्रेस के भीष्म शर्मा ने 1998 और 2003 के विधानसभा चुनावों में सीट जीती। लेकिन 2008 के विधानसभा चुनावों में उन्हें बीजेपी के साहब सिंह चौहान ने पराजित किया था। चौहान ने 2013 विधानसभा चुनावों में 47,531 मतों को पकड़कर सीट पर अपना पकड़ बनाए रखा।

घोंडा के बारे में

घोंडा दिल्ली राज्य, भारत में उत्तर पूर्व दिल्ली शहर में एक लोकैलिटी है।

घोंडा पिन कोड 110053 है और डाक प्रधान कार्यालय यमुना विहार है।

अरविंद नगर, जय प्रकाश नगर, अरविंद नगर, जय प्रकाश नगर, गोंडा पट्टी चौहान घोंडा के पास के इलाके हैं।

लोनी, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद उत्तर पूर्व दिल्ली के पास के शहर हैं

घोंडा की जनसांख्यिकी

हिंदी यहां स्थानीय भाषा है।

घोंडा में राजनीति

आप, बीजेपी, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

घोंडा के पास मतदान केंद्र / बूथ

1) अम्बेडकर बस्ती घोंडा गांव

2) अरविंद नगर

3) अरविंद नगर

4) गौतम विहार

5) गौतम विहार

संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मौजदा सांसद 

माननीय मनोज तिवारी बीजेपी संपर्क न. 

गोंडा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायकों के जीतने का इतिहास 

गोंडा विधानसभा चुनावों में विजेताओं और उपविजेता की सूची 

2015 66 घोंडा  श्री दत्त शर्मा  आप 60906 साहब सिंह चौहान  बीजेपी 52813

2013 66 गोंडा साहब सिंह चौहान बीजेपी 47531 भीष्म शर्मा  कांग्रेस 3559

2008 66 गोंडा  साहब सिंह चौहान  बीजेपी 35226 भीष्म शर्मा  कांग्रेस 34646

2003 50 घोंडा भीष्म शर्मा कांग्रेस  26785 रोहतश कुमार बीएसपी 13177

1998 50 गोंडा भीष्म शर्मा कांग्रेस  25014 सर्वेश शर्मा बीजेपी 14594

1998  घोड़ा  भीष्म शर्मा कांग्रेस  23171 बी डी शर्मा बीजेपी 21551

1993 50 गोंडा  लाल बेहारी तिवारी बीजेपी 21614 धीराज सिंह कांग्रेस 13841

1983 34 घोंडा कलायण सिंह कांग्रेस  23611 लाल बिहारी तिवारी बीजेपी 16898

1977 34 घोंडा फतेह सिंह एम जेएनपी 17646 वजीर खान एम आईएनसी 14198

1972 28 घोंडा हरगेन सिंह कांग्रेस  28315 देवकी नंदन शर्मा बीजेएस 17534

 

घोंडा कैसे पहुंचे

रेल द्वारा

दिल्ली शाहदरा रेलवे स्टेशन, दिल्ली रेलवे स्टेशन घोंडा के पास के पास के रेलवे स्टेशन हैं। कैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गोंडा के नजदीक प्रमुख रेलवे स्टेशन 7 किमी है

शहरों के नजदीक

लोनी 7 किमी निकट

दिल्ली 11 किमी निकट

नोएडा 15 किलोमीटर निकट है

गाजियाबाद 17 किमी निकट

 

तालुक के पास

उत्तर पूर्व दिल्ली 1 किमी निकट

पूर्व दिल्ली 5 किमी निकट

उत्तर दिल्ली 7 किमी निकट

केंद्रीय दिल्ली 9 किलोमीटर के करीब

 

एयर पोर्ट्स के पास

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 24 किलोमीटर दूर है

मुजफ्फरनगर हवाई अड्डे 102 किलोमीटर दूर है

खेरिया एयरपोर्ट 205 किलोमीटर निकट है

देहरादून हवाई अड्डा 218 किलोमीटर दूर है

 

पर्यटक स्थलों के पास

दिल्ली 8 किमी निकट

नोएडा 15 किलोमीटर निकट है

सूरजकुंड 26 किमी निकट

फरीदाबाद 33 किमी निकट

गुड़गांव 37 किमी निकट

 

जिलों के पास

उत्तर पूर्व दिल्ली 3 किमी निकट

केंद्रीय दिल्ली 7 किमी निकट

दिल्ली 7 किमी निकट

उत्तर दिल्ली 9 किलोमीटर दूर है

 

रेलवे स्टेशन के पास

दिल्ली शाहदरा रेलवे स्टेशन 3.4 किलोमीटर दूर है

बेहता हजीपुर एच रेल वे स्टेशन 5.6 किलोमीटर दूर है

विवेका विहार रेल वे स्टेशन 5.9 किलोमीटर दूर है

दिल्ली रेल वे स्टेशन 6 किलोमीटर दूर है

विकास कार्य :

List march 2019

बिरसा मुंडा की जीवनी
बिरसा मुंडा / Birsa Munda भारतीय क्रांतिकारी थे। वे एक धर्म गुरु और जनसाधारण लोगो के वीर नायक थे। 19 वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं ने महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया जिसकी वजह से वे भारत की आजादी के इतिहास में विशेष व्यक्ति बन गये। उन्होंने अपनी आयु के 25 वर्ष के पहले ही बहोत सी विशिष्ट सफलता प्राप्त कर ली थी। उनका चित्र भारतीय संसद के मध्य कक्ष में लगाया हुआ है यह इकलौते एक ऐसे क्रांतिकारी है जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
आरंभिक जीवन और बचपन –
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड प्रदेश में राँची के उलीहातू गाँव में हुआ था और उनका नाम मुंडा प्रथा से रखा गया था। बिरसा पहले कुछ वर्ष अपने माता पिता के साथ चल्कड़ में रहते थे। बिरसा का बचपन अन्य मुंडा बच्चो की तरह ही था। वे अपने बचपन में अपने मित्रो के साथ मिटटी में खेल कूद करना पसंद करते थे। वे बचपन में बोहोंदो के जंगलो में बकरिय़ा भी चराते थे। जब बिरसा बड़े हो रहे थे तबी उन्हें बासुंरी बजाना पसंद था और वे तुइल भी बजाते थे। उन्होंने जिन्दगी के कुछ यादगार पल अखारा में बीताए है।
पढाई में हुशार होने की वजह से “जयपाल नाग” ने उन्हें जर्मन मिशन स्कूल में प्रवेश लेने के लिए कहा। परंतु उस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए इसाई धर्म का होना जरुरी था। इसलिए बिरसा ने इसाई धर्म स्वीकारा और वे बिरसा मुंडा से बिरसा डेविड बन गए और फिर बिरसा दाऊद बने। कुछ वर्ष पढने के बाद बिरसा ने जर्मन मिशन स्कूल छोड़ दिया और प्रसिद्ध वैष्णव भक्त आनंद पांडे के संपर्क में आ गए और उन्होंने महाभारत, रामायण और अन्य कई हिन्दू धर्म के ग्रंथ पढ़े है।
गतिविधिया-
बिरसा मुंडा ने सन 1900 में अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह करने की घोषणा करते हुए कहा “हम ब्रिटिश शाशन तन्त्र के विरुद्ध विद्रोह की घोषणा करते है और कभी अंग्रेज नियमो का पालन नही करेंगे, ओ गोरी चमड़ी वाले अंग्रेजो , तुम्हारा हमारे देश में क्या काम ? छोटा नागपुर सदियों से हमारा है और तुम इसे हमसे छीन नही सकते है इसलिए बेहतर है कि वापस अपने देश लौट जाओ वरना लाशो के ढेर लगा दिए जायेंगे ”। इस घोषणा को एक घोषणा पत्र में अंग्रेजो के पास भेजा गया तो अंग्रेजो ने अपनी सेना बिरसा को पकड़ने के लिए रवाना कर दी। अंग्रेज सरकार ने बिरसा की गिरफ्तारी पर 500 रूपये का इनाम रखा था। अब बिरसा भी तीर कमान और भालो के साथ युद्ध की तैयारियों में लग गये। बिरसा के इसके विद्रोह में लोगो को इकट्ठा किया और उनके नेतृत्व में आदिवासियों का विशाल विद्रोह हुआ था। अंग्रेज सरकार ने विद्रोह का दमन करने के लिए 3 फरवरी 1900 को मुंडा को गिरफ्तार कर लिया जब वो अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ जंगल में सो रहे थे। उस समय 460 आदिवासियों को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया। 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गयी और अंग्रेज सरकार ने मौत का कारण हैजा बताया था।
जेल और मृत्यु-
3 फरवरी 1900 को मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया जब वो अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ जंगल में सो रहे थे। उस समय 460 आदिवासियों को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया था। 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गयी।
लोकप्रिय संस्कृति-
15 नवंबर को बिरसा मुंडाजी की जयंती मनाई जाती है खास तौर पे तो कर्नाटक के कोडागु जिल्हे में मनाई जाती है। कोकार रांची में जो झारखंड की राजधानी है यहा पर उनकी समाधी स्थल पर बहोत से कार्यक्रम मनाए जाते है।
उनकी स्मृति में रांची में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार तथा बिरसा मुंडा हवाई-अड्डा भी है। उनके नाम से कई संस्था, कई यूनिवर्सिटी और कई इंस्टीट्यूशन भी बने है। 2008 में बिसरा के जीवन पर आधारित एक हिंदी फिल्म “गाँधी से पहले गंधिवास” बनी जो इकबाल दुररन के निर्देशन में बनी जिसने नोवेल पुरस्कार भी जीता है। फिर एक और हिंदी फिल्म 2004 में “उलगुलान एक क्रांति” बनी जिसमें 500 बिर्सैट्स भी शामिल है। “महास्वेता देवी” हो की एक लेखिका थी उन्होंने रोमन मग्सय्सय पुरस्कार जीता था। 1979 में अरण्येर अधिकार के लिए उन्होंने साहित्य अकेडमी पुरस्कार मिला यह पुरस्कार उन्हें मुंडाजी जे जीवन के बारे में बताया जिसमे उन्होंने 19वी सदी में ब्रिटिश राज के बारे में भी बताया था। इसके बाद उन्होंने युवाओं के लिए मुंडाजी पर आधारित एक और साहित्य लिखा था।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी