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डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र सम्मान पत्र

www.njssamiti.com
विधार्थी नाम : अनुश्री कक्षा / परीक्षा वर्ष : 5th / 2016-2017
अंक प्रतिशत/अनु. सं : 52% NA स्कूल नाम : डॉन बोस्को अकादमी पटना
पंचायत/वार्ड : राजीव नगर ब्लाक / नगर : नगर निगम
ज़िला : पटना राज्य : बिहार
प्रामाणिता :

प्रमाणित किया जाता है उक्त विधार्थी ने वर्ष २०१६-२०१७ परीक्षा उत्तीर्ण के उपरान्त नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति द्वारा संचालित डा. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र योजना में चयन कर संस्था वेबसाइट www.njssamiti.com पर पूर्ण विवरण दर्ज कर सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है, संस्था इनके उज्वल भविष्य की कामना करती है - मेहनाज़ अंसारी (जनरल सक्रेटरी)

विवरण : Anushree Class 5th Don Bosco Academy Patna
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का इतिहास व जीवन परिचयs:

जन्म: 15 अक्टूबर 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडु, मृत्यु: 27 जुलाई, 20 15, शिलोंग, मेघालय पद/कार्य: भारत के पूर्व राष्ट्रपति उपलब्धियां: एक वैज्ञानिक और इंजिनियर के तौर पर उन्होंने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण संगठनों (डीआरडीओ और इसरो) में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े थे। इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है। वर्ष 2002 में कलाम भारत के राष्ट्रपति चुने गए और 5 वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षण, लेखन, और सार्वजनिक सेवा में लौट आए। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रारंभिक जीवन अवुल पकिर जैनुलअबिदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसलमान परिवार मैं हुआ। उनके पिता जैनुलअबिदीन एक नाविक थे और उनकी माता अशिअम्मा एक गृहणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थे इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा। अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए बालक कलाम स्कूल के बाद समाचार पत्र वितरण का कार्य करते थे। अपने स्कूल के दिनों में कलाम पढाई-लिखाई में सामान्य थे पर नयी चीज़ सीखने के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे। उनके अन्दर सीखने की भूख थी और वो पढाई पर घंटो ध्यान देते थे। उन्होंने अपनी स्कूल की पढाई रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की और उसके बाद तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया। उसके बाद वर्ष 1955 में वो मद्रास चले गए जहाँ से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 1960 में कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की। भारत के राष्ट्रपति एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियों और प्रसिद्धि के मद्देनज़र एन. डी. ए. की गठबंधन सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया। डॉ कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न ने नवाजा जा चुका था। इससे पहले डॉ राधाकृष्णन और डॉ जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनने से पहले ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जा चुका था। वर्ष सम्मान संगठन 2014 डॉक्टर ऑफ साइंस एडिनबर्ग विश्वविद्यालय , ब्रिटेन 2012 डॉक्टर ऑफ़ लॉ ( मानद ) साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय 2011 आईईईई मानद सदस्यता आईईईई 2010 डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग वाटरलू विश्वविद्यालय 2009 मानद डॉक्टरेट ऑकलैंड विश्वविद्यालय 2009 हूवर मेडल ASME फाउंडेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका 2009 अंतर्राष्ट्रीय करमन वॉन विंग्स पुरस्कार कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान , संयुक्त राज्य अमेरिका 2008 डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , सिंगापुर 2007 चार्ल्स द्वितीय पदक रॉयल सोसाइटी , ब्रिटेन 2007 साइंस की मानद डाक्टरेट वॉल्वर हैम्प्टन विश्वविद्यालय , ब्रिटेन 2000 रामानुजन पुरस्कार अल्वर्स रिसर्च सैंटर, चेन्नई 1998 वीर सावरकर पुरस्कार भारत सरकार 1997 राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1997 भारत रत्न भारत सरकार 1994 विशिष्ट फेलो इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स (भारत) 1990 पद्म विभूषण भारत सरकार 1981 पद्म भूषण भारत सरकार मृत्यु: 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लोंग, में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चहेते डॉ अब्दुल कलाम परलोक सिधार गए।

स्कूल/कालेज विवरण :

Welcome to Don Bosco Academy, Patna, Bihar, India

St John Bosco 

The Patron of this institution is - Saint John Bosco, or, as he is commonly called, \\\\\\\\\\\\\\\"Don Bosco\\\\\\\\\\\\\\\" (the Don meaning Father), was born at Becchi, a town in the foothills of the Italian Alps, on August 16, 1815. Losing his father when he was just 3 years old he grew up in abject poverty and had to face severe hardships and was unable to attend any regular school.

 

As he grew up his own poverty and under privileged position made him increasingly identify with others like him. He decided to become a priest and was ordained as one in 1841. He then dedicated his entire life to the comfort , help, education and up-liftment of poor street urchins - whether in the streets, factories or prisons. John Bosco conceived the-: \\\\\\\\\\\\\\\" Preventive System\\\\\\\\\\\\\\\" of education\\\\\\\\\\\\\\\". He died on 31st January 1888, and was canonized as a Saint on 1st April 1934. His first years of study were filled with difficulties which include supporting himself while attending school. He overcame this problem by working at various trades, all of which he later taught his students.

 

Don Bosco entered the Chieri Seminary and was ordained in 1841. He was stationed in Turin, an industrial centre which attracted young people from neighbouring towns. There he opened an \\\\\\\\\\\\\\\"oratory\\\\\\\\\\\\\\\" or boys club for them. Read More...

 

1- उत्तीर्ण होने वाले छात्र का डिजिटल इंडिया प्रोग्राम में संस्था वेबसाइट पर रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है,जिसमे २०१७ से लाइफ टाइम कभी भी अपनी स्कूल से सम्बंधित जीवन के बारे में मोब. पर एक क्लिक करने से देख सकता है,उसको किस विषय में कितने अंक मिले,उसके साथी कोण कोण थे, स्कूल टीचर ग्रुप को याद कर सकता है ,,

 2- उत्तीर्ण होने पर वो अपनी पहचान देश के समस्त छात्रों में बना सकता है, जिसको अन्य प्रदेश जिले के छात्र एक दूसरे के बारे में देख सकते हैं  फोटो क माध्यम से पहचान सकते हैं

3- पंजीकृत छात्र बोर्ड परीक्षा में  १२ वीं तक तहसील स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर संस्था द्वारा १,१०० रुपये प्रोतोसहन राशि पुरूस्कार स्वरूप प्रदान करसम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा/

4-पंजीकृत छात्र बोर्ड परीक्षा में १२ वीं तक जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर संस्था द्वारा ५,१०० रुपये प्रोतोसहन राशि पुरूस्कार स्वरूप प्रदान कर सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा/

5- पंजीकृत छात्र बोर्ड परीक्षा में १२ वीं तक मंडल स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर संस्था द्वारा ७,५०० रुपये प्रोतोसहन राशि पुरूस्कार स्वरूप प्रदान कर सम्मान पत्र देकर स्कूल सहित सम्मानित किया जायेगा/

6- पंजीकृत छात्र बोर्ड परीक्षा में १२ वीं तक राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर संस्था द्वारा २५,००० रुपये प्रोतोसहन राशि पुरूस्कार स्वरूप प्रदान कर सम्मान पत्र देकर स्कूल सहित सम्मानित किया जायेगा/

7- पंजीकृत छात्र बोर्ड परीक्षा में १२ वीं तक राष्ट्रिय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर संस्था द्वारा २५,००० रुपये प्रांतोसाहन राशि पुरूस्कार स्वरूप प्रदान कर सम्मान पत्र देकर स्कूल सहित सम्मानित किया जायेगा कुछ देश से सम्बंधित सवालों के आधार पर

8-पंजीकृत छात्र कक्षा ९ से १२ वीं तक ३ वर्ष लगातार जिला / मंडल/ राज्य स्तर पर टॉप आने पर पढ़ाई पर होने वाले खर्च २ लाख रुपये तक संस्था उक्त मेधावी छात्र को नियमानुसार सहायता करेगी,

9-पंजीकृत छात्र स्कूल समय पर दुर्घटना में घायल हो जाने के उपरान्त अल्ट्रासाउंड / एक्सरे कराने पर बिल का ५०% राशि संस्था द्वारा दी जाएगी स्कूल डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर देय होगी

 10- पंजीकरण छात्र के पिता की मृत्यु उपरान्त  उस स्तिथि में संस्था छात्र की पढाई आगे जारी रखने हेतु परिवार को सहायता सांत्वना हेतु १५००० रुपये, तक की सहायता नियमानुसार करेगी ,

 11- समस्त पंजीकृत छात्रों को सम्मान पत्र (जिसमे छात्र फोटो with स्कूल शिक्षक ग्रुप फोटो, कलाम साहब फोटो के साथ ) देकर सम्मानित किया जायेगा पंजीकरण छात्र को पहचान हेतु एक पलास्टो आई कार्ड विद फोटो छात्र को उपलब्ध कराया जायेगा,,

12  - छात्रों को प्रतिवर्ष देश भावना जागृत करने के उद्देश्य से समस्त छात्रों को स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा झंडे (हैंड फ्लैग) उपलब्ध करा कर देश के प्रति भावना जागृत करने को प्रेरित करना 

13 - इस योजना में उसी स्कूल के छात्रों को चयन किया गया है जिस स्कूल में नक़ल की शिकायत नहीं है, या जो छात्र पढाई के प्रति लगनशील है, जिन स्कूल की शिक्षा गुर्वत्ता सही नहीं है वो अपने छात्र को इस योजना में शामिल ना करें, क्षेत्र से केवल उन्ही स्कूलों का चयन किया गया है जो बच्चों को डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के माध्यम से छात्र का नाम देश में रोशन करना कहते हैं 

14 - इस योजना का लाभ आवेदन के १ वर्ष तक मान्य से वैधता ३०-११-२०१८ 

कार्यदायी संस्था -