विवरण :
Name : Honorable Sachin Suryavanshi
Designation : Chairman
Organization : Bhartiye Aekta Pariwar
Nominated : India
residence Name : Reshma Radhe Bhavan-Arya Samaj Road, Subhash Chowk
Nagar Name : Nagar palika parishad Budaun
District : Budaun
State : Uttar Pradesh
Division : Bareilly
Language : Hindi and Urdu
Current Time12 :59 PM
Date: Thursday , Dec 13 ,2018 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05832
Mob : 9759-189992, 9837-189992,8445-189992
Assembly constituency : Badaun assembly constituency
Assembly MLA : Mahesh Chandra Gupta (BJP) 9415607320
Lok Sabha constituency : Badaun parliamentary constituency
Parliament MP : Dharmendra Yadav (SP) Tel : (05688) 276017, 276551, 09720170999 (M)
परिचय
नाम- सचिन सूर्यवँशी (संयोजक-अध्यक्ष) \\\\\\\'भारतीय एकता परिवार/परिषद, (पंजी.-059) निवासी- 05, \\\\\\\'रेशमाराधे भवन आर्य समाज मार्ग सुभाष चौक, नगर/जनपद- बदायूँ (उत्तरप्रदेश) पिन कोड- 243601 अतिरिक्त उपलब्धियाँ-1- गौसेवा/सुरक्षा एवं गौपालन हेतु माननीय साँसद धर्मेन्द्र यादव के करकमलों से श्रीमद ब्रह्मदत्त गौशाला द्वारा गौसेवक सम्मान ।2- भृष्टाचार विरोधी एवं आर.टी.आई. कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय भूमिका हेतु महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट द्वारा सेवानिवृत्त आई.ए.एस. श्रीमान सूर्यप्रताप सिंह जी (पूर्व मुख्यसचिव- उत्तरप्रदेश शासन) के करकमलों से वीर शिरोमणि सम्मान। 3- माननीय योगी आदित्यनाथ जी (मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश) के करकमलों से दिनाँक- 7 अप्रैल 2018 को गंगा हरीतिमा अभियान के शुभारंभ पर इलाहाबाद में गंगा सेवक सम्मान। एक लाख से अधिक पौधे रोप कर उनके पालन - पोषण, संरक्षण व जन - जन को गंगा एवं अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोतों के संरक्षण हेतु जागरूक करने के उद्देश्य से वर्ष 2011 से निरन्तर प्रत्येक माह की पूर्णिमा व स्नान पर्वों पर विचार गोष्ठी, गंगा यात्रा, गंगा सफाई अभियान व गंगा आरती के कार्यक्रम आयोजित करने हेतु । 4- दिनाँक- 09 मई 2018 को सेवानिवृत्त आई.ए.एस. श्रीमान बाबा हरदेव सिंह जी के करकमलों से बदायूँ सेवक सम्मान । 5- दिनाँक- 30 अगस्त 2018 को तीन दिवसीय बदायूँ गौरव महोत्सव के अवसर पर बदायूँ गौरव सम्मान । 6- 23 दिसम्बर2018 को मंथन फाउंडेशन की ओर से दिल्ली के त्याग राज स्टेडियम में पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह जी, साँसद - गाज़ियाबाद लोकसभा एवं फ़िल्म अभिनेत्री हेमामालिनी जी, साँसद- मथुरा लोकसभा के करकमलों से भारतीय संस्कृति सम्मान।
निवास स्थान बदायूं के बारे में
नगर पालिका परिषद में कुल 130118 मतदाता हैं, बदायूं; शहर में कुल 29 वार्ड हैं। निकाय 2017 के चुनाव में, भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित नगर पालिका परिषद की अध्यक्षता में, श्रीमती दीपामाला गोयल जी ने (32316) 49.89 मत पाकर समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवार
श्रीमती फातिमा रजा (2 9,140) को वोटों के 3 हजार अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता
3- प्रीति साहू (बहुजन समाज पार्टी) 1377 मत प्राप्त किये
5 - राजा रानी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) 590 मत प्राप्त किये श्रीमती दीपामाला गोयल बीजेपी पार्टी क्षेत्र की कद्दावर नेता हैं जो पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं अपनी जुझरु मिलनसार होने के कारण क्षेत्र के नागरिक बहुत सम्मान देते हैं, बदायूं जिले के बारे में
बदायूं जिले उत्तर प्रदेश राज्य के 71 जिलों में से एक है, बदायूं जिला प्रशासनिक मुख्यालय बदायूं है, यह 261 किलोमीटर की दूरी पर लखनऊ की राज्य की राजधानी में स्थित है।
बदायूं जनसंख्या की आबादी 3712738 जनगरणा 2011 के अनुसार है।
यह आबादी के अनुसार राज्य का 16 वां सबसे बड़ा जिला है।
बदायूं जिले उत्तर में बरेली जिले के साथ सीमा के साथ सीमा पर, पश्चिम में बुलंदशहर जिले, पश्चिम में काशीराम जिले, उत्तर में मुरादाबाद जिले, उत्तर में रामपुर जिले, और पूर्व में शाहजहांपुर जिला हैं। बदायूं जिला लगभग 5168 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में रह रहा है। । इसकी सीमा 191 मीटर से 161 मीटर है। यह जिला हिंदी बेल्ट है
बदायूं जिले का मौसम
बदायूं जिले में गर्मी गर्म है, उच्चतम तापमान 26 डिग्री और 47 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 15 डिग्री सेल्सियस, 17 डिग्री सेल्सियस, मार्च 24 डिग्री सेल्सियस, 31 अप्रैल, सेल्सियस, 36 डिग्री सेल्सियस है।
बदायूं भारत के उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर एवं लोकसभा क्षेत्र है। बदायूँ, उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण ज़िला है। यह गंगा की सहायक नदी स्रोत के समीप स्थित है। 11वीं शती के एक अभिलेख में, जो बदायूँ से प्राप्त हुआ है, इस नगर का तत्कालीन नाम वोदामयूता कहा गया है। इस लेख से ज्ञात होता है कि उस समय बदायूँ में पांचाल देश की राजधानी थी। बर्तमान में बदायूं जिला , रूहेलखण्ड में आता है, रूहेलखण्ड में बरेली , बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, जिले सामिल है।
स्थापना
यह जान पड़ता है कि अहिच्छत्रा नगरी, जो अति प्राचीन काल से उत्तर पांचाल की राजधानी चली आई थी, इस समय तक अपना पूर्व गौरव गँवा बैठी थी। एक किंवदन्ती में यह भी कहा गया है कि, इस नगर को अहीर सरदार राजा बुद्ध ने 10वीं शती में बसाया था। 13 वीं शताब्दी में यह दिल्ली के मुस्लिम राज्य की एक महत्त्वपूर्ण सीमावर्ती चौकी था और 1657 में बरेली द्वारा इसका स्थान लिए जाने तक प्रांतीय सूबेदार यहीं रहता था। 1838 में यह ज़िला मुख्यालय बना। कुछ लोगों का यह मत है कि बदायूँ की नींव अजयपाल ने 1175 ई. में डाली थी। राजा लखनपाल को भी नगर के बसाने का श्रेय दिया जाता है।
गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए राजा भगीरथ ने कहां तपस्या की थी। यहां गंगा के कछला घाट से कुछ ही दूर पर बूढ़ी गंगा के किनारे एक प्राचीन टीले पर अनूठी गुफा है। कपिल मुनि आश्रम के बगल स्थित इस गुफा को भगीरथ गुफा के नाम से जानते हैं। पहले यहां राजा सगर के 60 हजार पुत्रों की भी मूर्तियां थी, जो कुछ साल पहले चोरी चली गईं। करीब ही राजा भगीरथ का एक अति जीर्ण-शीर्ण मंदिर है, जहां अब सिर्फ चरण पादुका बची हैं। अध्यात्मिक दृष्टि से सूकरखेत (बाराह क्षेत्र) का वैसे भी बहुत महत्व है। बदायूं के कछला गंगा घाट से करीब पांच कोस की दूरी पर कासगंज की ओर बढ़कर एक बोर्ड दिखाई पड़ता है, जिस पर लिखा है भगीरथ गुफा। एक गांव है होडलपुर। थोड़ी दूर जंगल के बीच एक प्राचीन टीला दिखाई पड़ता है। बरगद का विशालकाय वृक्ष और अन्य पेड़ों के झुरमुटों बीच मठिया है। इसी टीले पर स्थित है कपिल मुनि आश्रम और भगीरथ गुफा। लाखोरी ईंटें से बनी एक मठिया के द्वार पर हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति लगी है। भीतर प्रवेश करने पर एक मूर्ति और दिखाई पड़ती है, इसे स्थानीय लोग कपिल मुनि की मूर्ति बताते हैं। मूर्ति के बगल से ही सुरंगनुमा रास्ता अंदर को जाता है, जिसमें से एक व्यक्ति ही एक बार में प्रवेश कर सकता है। पांच मीटर भीतर तक ही सुरंग की दीवारों पर लाखोरी ईटें दिखाई पड़ती हैं। इसके बाद शुरू हो जाती है कच्ची अंधेरी गुफा। सुरंगनुमा रास्ते से भीतर जाने के बाद एक बड़ी कोठरी मिलती है, जहां एक शिवलिंग भी कोने में है। कोठरी के बाद फिर सुरंग और फिर कोठरी। पहले गंगा इसी टीले के बगल से होकर बहती थीं। अभी भी गंगा की एक धारा समीप से होकर बहती है, जिसे बूढ़ी गंगा कहते हैं। टीले के नीचे स्थित मंदिर से दुर्लभ मुखार बिंदु शिवलिंग भी चोरी चला गया था। बाद में पुलिस ने पाली (अलीगढ़) के एक तालाब से शिवलिंग तो बरामद कर लिया, लेकिन सगर पुत्रों की मूर्तियों का अभी भी कोई पता नहीं है। इसी टीले पर तीन समाधि भी हैं, इनमें से एक को गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरहरिदास की समाधि कहते हैं।
इतिहास
नीलकंठ महादेव का प्रसिद्ध मन्दिर, शायद लखनपाल का बनवाया हुआ था। ताजुलमासिर के लेखक ने बदायूँ पर कुतुबुद्दीन ऐबक के आक्रमण का वर्णन करते हुए इस नगर को हिन्द के प्रमुख नगरों में माना है। बदायूँ के स्मारकों में जामा मस्जिद भारत की मध्य युगीन इमारतों में शायद सबसे विशाल है इसका निर्माता इल्तुतमिश था, जिसने इसे गद्दी पर बैठने के बारह वर्ष पश्चात अर्थात 1222 ई. में बनवाया था।
रचना-सौंदर्य
यहाँ की जामा मस्जिद प्रायः समान्तर चतुर्भुज के आकार की है, किन्तु पूर्व की ओर अधिक चौड़ी है। भीतरी प्रागंण के पूर्वी कोण पर मुख्य मस्जिद है, जो तीन भागों में विभाजित है। बीच के प्रकोष्ठ पर गुम्बद है। बाहर से देखने पर यह मस्जिद साधारण सी दिखती है, किन्तु इसके चारों कोनों की बुर्जियों पर सुन्दर नक़्क़ाशी और शिल्प प्रदर्शित है। बदायूँ में सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलज़ी के परिवार के बनवाए हुए कई मक़बरे हैं।
प्राचीन इमारतों
अलाउद्दीन ने अपने जीवन के अन्तिम वर्ष बदायूँ में ही बिताए थे। अकबर के दरबार का इतिहास लेखक अब्दुलक़ादिर बदायूँनी यहाँ अनेक वर्षों तक रहा था और बदायूँनी ने इसे अपनी आँखों से देखा। बदायूँनी का मक़बरा बदायूँ का प्रसिद्ध स्मारक है। इसके अतिरिक्त इमादुल्मुल्क की दरगाह (पिसनहारी का गुम्बद) भी यहाँ की प्राचीन इमारतों में उल्लेखनीय है।
कृषि व उद्योग
बदायूँ में आसपास के क्षेत्रों में चावल, गेंहूं, जौ, बाजरा और सफ़ेद चने की उपज होती है। यहाँ लघु उद्योग भी हैं।बदायूँ मैन्था के लिए मशहूर है देश का लगभग ४०% फ़ीसद मैन्था यहीं होता है इसलिए इसे भारत का मैन्था शहर भी कहते हैं
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय अच्छी तरह से बदायण रोड से जुड़ा हुआ है। नरौरा, बदायूं, चंदौसी, सहसवान इस शहर के बड़े शहरों और दूरदराज के गांवों तक सड़क संपर्क के अनुरूप हैं। बदायूं लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) के लिए सड़क पर 261 किलोमीटर की दूरी पर है
रेलवे वाहक
जिले में कुछ रेलवे स्टेशन, चंदौसी , बाबारा, बदायूं, उजनी, असफपुर, करांगी, डबतोरी, । जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (यूपीएसआरटीसी) इस जिले के प्रमुख शहरों से शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।
बदायूं 1 के.एम.
उज़नी 41 के.एम.
41 किमी सह-ऑप
सहसवान 41 किमी
हवाई बंदरगाहों के पास
पंतनगर हवाई अड्डा 130 किमी
खेरिया हवाई अड्डा 167 किमी
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 230 किमी
मुजफ्फरनगर हवाई अड्डा 236 किमी
जिला से
बदायूं 0 के.एम.
बरेली 53 किमी
काशीराम नगर 59 कि.मी.
एटा 77 किमी
रेलवे स्टेशन के करीब
बदायूं रेलवे स्टेशन 1.9 किमी
शेखपुर रेलवे स्टेशन 3.6 किमी
जिले में राजनीति
बदायूं जिले में प्रमुख राजनीतिक दल
कांग्रेस, बसपा, भाजपा, सपा, बदायूं जिले में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बदायूं जिले में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
4-बदायूँ महेश चंद्र गुप्त भाजपा 9415607320
बदायूँ विधानसभा क्षेत्र में मंडल
जगत, सालारपुर, वजीरगंज, बदायूँ
बदायूँ विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 अबीद रजा खान सपा ६२७८६ = 15413 महेश चंद्र गुप्त भाजपा = 47373
2007 =महेश चन्द्र भाजपा 36403 =7198 विमल कृष्ण अग्रवाल उरफ पप्पी = सपा एसपी 29205
2002 विमल कृष्ण अग्रवाल उरफ पप्पी बसपा 36148 = 3314 जुगेंद्र सिंह अनज सपा 32834
1996 प्रेम स्वरूप पाठक बीजेपी 61726 =15471 जोेन्द्र सिंह एसपी सपा 46255
1993 जुगेंदर सिंह एसपी 40825 =728 कृष्ण स्वरूप भाजपा 40097
१९९१ कृष्ण स्वरूप , भाजपा, 41123, =8850, खालिद पारवेज, जेडी 32273
1989 कृष्णा स्वरुप भाजपा 31950 =7200 खलिद परवेज निर्दलीय 24750
1985 प्रेमिला भादर मेहरा कांग्रेस 31133 =9645 कृष्ण स्वरूप भाजपा 21488
1980 =श्रीकृष्ण गोयल कांग्रेस (आई) 30289 =16244 कृष्ण स्वरूप भाजपा 14045
1977 कृष्ण स्वरूप जेएनपी 30338 = 3108 पुरुषोत्तम लाल बधवार (राजाजी) कांग्रेस 27230
1974 पुरुषोत्तम लाल उरफ राजा जी कांग्रेस 35017 =14407 कृष्ण स्वरुप बीजेएस 20610
1969 कृष्ण स्वरुप बीजेएस 34730 =1036 9 फखरे आलम कांग्रेस 24361
1967 एम। ए अहमद आरपीआई 15879 =2708 एच। बी गोयल निर्दलीय 13171
1962 रुखम सिंह कांग्रेस १६०९१= 608 अस्रार अहमद निर्दलीय 14490
1957 टिका राम निर्दलीय 22286 = 1453 असर अहमद कांग्रेस 20833