अरुणा आसफ़ अली निगम महापौर/ पार्षद परिचय सूची

नाम : श्रीमती सोनी कोली
पद : नगर निगम महापौर
वॉर्ड : 00 नगर
नगर निगम रुद्रपुर
राज्य : उत्तराखंड
पार्टी : भारतीय जनता पार्टी
चुनाव : 2013 21423 वोट
सम्मान :
NA

विवरण :

introduction

Honorable Soni Koli (Mayor)

Municipal Corporation of Rudrpur

Utrakhand

Mob 8859502011

Eligibility - Graduate

Support - Bharatiya Janata Party

नगर निगम रुद्रपुर के बारे में 

नगर में कुल 20   वार्ड हैं। निकाय 2013  के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी समर्थित नगर निगम महापौर पद पर श्रीमती सोनी कोली जी ने कुल 25465 मत पाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार 

2 श्रीमती ममता रानी = भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 21423 मत प्राप्त किये 

3- सुश्री सोना देवी = बहुजन समाज पार्टी (BSP) 1947 मत प्राप्त किये 

मिनी इण्डिया के रूप में प्रख्यात जनपद उधम सिंह नगर का जिला मुख्यालय रूद्रपुर नैनीताल दिल्ली एवं पानीपत खटीमा राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित है, जिसकी दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश एवं उत्तरी सीमा हरित क्रान्ति की जन्म स्थली पं0 गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से लगी हुई है। सिडकुल की स्थापना के बाद रूद्रपुर की पहचान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई है। रूद्रपुर विश्वविख्यात पर्यटक नगरी नैनीताल के प्रवेश द्वार के रूप में स्थित है।

रूद्रपुर की स्थापना राजा रूद्रचंद ने 1588 ई0 में की थी। आज से 06 दशक पूर्व रूद्रपुर तराई क्षेत्र एवं सघन जंगलों से आच्छादित वन क्षेत्र था। वर्तमान में विकास के बढ़ते चरण को देखते हुए रूद्रपुर के अतीत पर विश्वास नहीं होता। स्वतंत्रता के पश्चात् रूद्रपुर फिर महत्वपूर्ण स्थान पाने लगा इस समय विभाजन की त्रासदी झेल कर पंजाब व बंगाल से आये समुदायों ने यहां पर बसना प्रारम्भ किया। पंजाब से आये विस्थापितों हेतु आर0आर0 क्वाटर तथा बंगाल एवं वर्मा से आये विस्थापितों हेतु ट्रांजिट कैम्प की स्थापना की गयी।

 

 नगर निगम, रुद्रपुर महत्त्वपूर्ण स्थल

सिडकुल एवं बड़ी रेल लाईन के स्थापित हो जाने के फल स्वरूप इसका सम्पर्क बड़े औद्योगिक नगरों से हो जाने पर यहां स्थानीय एवं सुदूर क्षेत्रों से श्रमिकों एवं व्यवसायिकों के आने से नगर के सीमावर्ती क्षेत्र आवासीय कालौनियों के रूप में विकसित एवं औद्योगिक नगरी के रूप में विकसित हो रहा है। रूद्रपुर की फसलों में बासमती चावल बहुत प्रसिद्ध है। अध्यात्मिक दृष्टि से रूद्रपुर में दूधिया मन्दिर, अटरिया देवी मंदिर मेला तथा गोलमार्केट में पांच मन्दिर व गुरूद्वारा दर्शनीय स्थल हैं, तथा पर्यटन की दृष्टि से किच्छा बाईपास पर निर्मित कृत्रिम झील है।

 नगर निगम, रुद्रपुर जनगणना एवं अन्य सूचना

रूद्रपुर से रेलवे स्टेशन की दूरी 2 किमी0, कलेक्ट्रेट 3 किलोमीटर, प्रदेश की राजधानी देहरादून की दूरी 259 किमी0 तथा देश के राजधानी दिल्ली की दूरी 230 किलोमीटर है। नगर निगम, रूद्रपुर 20 वार्डो में विभक्त है। 2001 की जनगणना के अनुसार रूद्रपुर की जनसंख्या 88815 है, जो वर्ष 2011 में बढ़कर 154554 हो गयी है। रूद्रपुर की वर्तमान जनसंख्या दो लाख से अधिक है। रूद्रपुर में 18 मलिन बस्तियां है जिसमें नगर के 70 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।

उत्तराखण्ड शासन द्वारा नगर पालिका परिषद, रूद्रपुर को 28 फरवरी, 2013 में प्रथम श्रेणी नगर पालिका से नगर निगम उच्चीकृत किये जाने के फलस्वरूप नगर को 20 वार्डो में विभक्त कर पार्षदों एवं मेयर का निर्वाचन किया गया है।

 

रुद्रपुर उत्तराखंड राज्य, भारत (उधम सिंह नगर) में एक शहर है।

 

रुद्रपुर बैरी ब्लॉक से दक्षिण की तरफ, बिलासपुर ब्लॉक पश्चिम की तरफ, गदरपुर ब्लॉक पश्चिम की ओर, सितारगंज ब्लॉक पूर्व की ओर है।

 

रूद्रपुर, किछा, नागला, सितारगंज, रुद्रपुर में निकटतम शहर हैं।

 

यह उत्तर प्रदेश राज्य सीमा के पास है।

रुद्रपुर के जनसांख्यिकी

 

हिंदी यहां स्थानीय भाषा है

रुद्रपुर में राजनीति

 

भाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दलों हैं।

रुद्रपुर पहुंचने के लिए कैसे

 

रेल द्वारा

 

किछा रेलवे स्टेशन, रुद्रपुर शहर रेल वे स्टेशन रुद्रपुर के बहुत पास के रेलवे स्टेशन हैं। कैसे कभी काठगोदाम रेलवे स्टेशन रुद्रपुर के करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर प्रमुख रेलवे स्टेशन है

 

शहरों के पास

केखा  8 किमी

नागला  9 किलोमीटर

सितारगंज के करीब 27 किलोमीटर

तालुक से करीब

रुद्रपुर 0 के.एम. 

बाहेरी 20 किलोमीटर 

बिलासपुर 22 किलोमीटर दूर

गादरपुर 23 किलोमीटर दूर है

हवाई अड्डा के निकट

पंतनगर हवाई अड्डा 10 किलोमीटर 

मुज़फ्फरनगर हवाई अड्डा 204 के.एम.

देहरादून हवाई अड्डा 22 9 के.एम. 

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 262 के.एम. 

पर्यटन स्थल के पास

काठगोदाम 41 के.एम. 

भीमताल 49 किलोमीटर

सटल के करीब 50 किलोमीटर

नैनीताल 53 किलोमीटर 

भोली 53 किलोमीटर 

जिले से पास

रामपुर 51 किलोमीटर 

पीलीभीत 53 किलोमीटर 

नैनीताल 53 किलोमीटर 

रेलवे स्टेशन से करीब

किछा रेल वे स्टेशन 8.4 के.एम. 

रूद्रपुर सिटी रेल वे स्टेशन 0 किलोमीटर 

लाल कुआं रेल वे स्टेशन  16 किलोमीटर दूर

 

लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद 

माननीय भगत सिंह कोश्यारी (बीजेपी) संपर्क Tels. (011) 23073487, 09868181004 (M)

 

विधान सभा क्षेत्र ने मौजूदा विधायक 

माननिय राजकुमार ठुकराल (बीजेपी) संपर्क Email:rajkumarthukral@gmail.comContact Number:9837088688,

रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में मंडल

गदरपुर, रुद्रपुर

रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

 

2012 राजकुमार ठुकराल = भाजपा 37291, 3954 तिलक राज बेहड़ कांग्रेस 33337

 

विकास कार्य :

2018

अरुणा आसफ़ अली की जीवनी
पूरा नाम – अरुणा आसफ़ अली
जन्म – 16 जुलाई 1909
जन्मस्थान – कालका ग्राम, पंजाब
पिता – उपेन्द्रनाथ गांगुली
माता – अम्बालिका देवी
विवाह – आसफ़ अली

अरुणा आसफ अली का जन्म अरुणा गांगुली के नाम से 16 जुलाई 1909 को ब्रिटिश कालीन भारत में बंगाली ब्राह्मण परीवार में पंजाब के कालका ग्राम में हुआ था। उनके पिता उपेन्द्रनाथ गांगुली एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। उनकी माता अम्बालिका देवी त्रिलोकनाथ सान्याल की बेटी थी।
उपेन्द्रनाथ गांगुली का छोटा भाई धीरेंद्रनाथ गांगुली भूतकालीन फ़िल्म डायरेक्टर थे। उनका एक और भाई नागेंद्रनाथ एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे जिन्होंने नोबेल प्राइज विनर रबीन्द्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से विवाह किया था।
अरुणा की बहन पूर्णिमा बनर्जी भारत के कांस्टिटुएंट असेंबली की सदस्य है। अरुणा की पढाई लाहौर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में पूरी हुई। ग्रेजुएशन के बाद कलकत्ता के गोखले मेमोरियल स्कूल में वह पढाने लगी। वहा उनकी मुलाकात आसफ अली से हुई, जो अल्लाहाबाद में कांग्रेस पार्टी की नेता थे। 1928 में अपने परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने सितम्बर 1928 में विवाह कर लिया।
आसफ अली विवाह करने और महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने के बाद वह कांग्रेस पार्टी की एक सक्रीय सदस्य बनी। हिंसात्मक होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और इसीलिये 1931 के गांधी-इरविन करार के बावजूद उन्हें छोड़ा नही गया।
लेकिन कैद बाकी महिलाओ ने उनका साथ देते हुए कहा की वे तभी जेल छोड़ेंगे जब अरुणा आसफ अली को भी रिहा किया जायेगा। लोगो के भारी सहयोग को देखते हुए आख़िरकार अधिकारियो को अरुणा आसफ अली को रिहा करना ही पड़ा।
1932 में उन्होंने तिहार जेल में अपनी विविध मांगो को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। उस समय तिहार जेल की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकी भूक हड़ताल से तिहार जेल में काफी सुधार हुए। बाद में वह अम्बाला चली गयी।
महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं जब सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो उन्होंने अद्भुत कौशल का परिचय दिया और नौ अगस्त के दिन मुम्बई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहराकर अंग्रेजों को देश छोड़ने की खुली चुनौती दे डाली।
अरुणा आसफ़ अली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फहराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद भी वह राजनीती में हिस्सा लेती रही और 1958 में दिल्ली की मेयर बनी। 1960 में उन्होंने सफलतापूर्वक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। Aruna Asaf Ali के या योगदान को देखते हुए 1997 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आज अरुणा आसफ अली भले ही हमारे बीच नहीं हैं। पर उनके कार्य और उनका अंदाज आने वाली पीढ़ियों को सदैव रास्ता दिखाते रहेंगें। उन्हें यूँ ही स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी‘ नहीं कहा जाता है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी अरुणा आसफ़ अली के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी