अरुणा आसफ़ अली निगम महापौर/ पार्षद परिचय सूची

नाम : श्रीमती कुसुम सदरेट
पद : (महापौर)
वॉर्ड : 00
नगर निगम शिमला
राज्य : हिमाचल प्रदेश
पार्टी : भारतीय जनता पार्टी
चुनाव : 2017 NA वोट
सम्मान :
माननीय जी को निकाय चुनाव् में विजेता चुने जाने के उपरान्त नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति (NGO) नई दिल्ली द्वारा www.njssamiti.com पर जनप्रतिनिधि डिजिटल रिकॉर्ड में शामिल कर संस्था को सामाजिक कार्य महापुरुषों की जीवनी समाज तक पहुंचाने के लिए माननीय जी को अरुणा आसफ अली महापौर / पार्षद सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है - मेहनाज़ अंसारी (जनरल सक्रेटरी)

विवरण :

introduction

Honorable : Smt Kusum Sadrate  (Mayor)

Municipal Corporation of Shimla

Himachal Prdesh

Mob  2812360,

94597-95447

Eligibility - Graduate

Support - BJP

नगर निगम शिमला के बारे में

शिमला भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के शिमला जिले में एक शहर है।

शिमला शहर पश्चिम की ओर मशोबरा तहसील से घिरा हुआ है, बसंतपुर तहसील उत्तर की तरफ, कंदघाट तहसील दक्षिण की तरफ, थियोग तहसील पूर्व की तरफ है। शिमला शहर, सोलन सिटी, कालका शहर, बद्दी शहर शिमला के नजदीकी शहर हैं।

शिमला नगर निगम में 34 वार्ड शामिल हैं।

शिमला (सिमला), मशोबरा, कुफरी, नल्देहेरा, किरीघाट महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के नजदीक हैं।

शिमला शहर की जनसांख्यिकी 

पहाड़ी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी हिंदी बोलते हैं, पंजाबी। शिमला शहर की कुल आबादी 73,521 है, जो 14,594 सदनों में रहती है, कुल 75 गांवों और 61 पंचायतों में फैली हुई है। पुरुष 39,12 9 हैं और महिलाएं 34,392 हैं

गांवों में कुल 2,420 लोग रहते हैं और 71,101 लोग रहते हैं

शिमला शहर में राजनीति

सीपीएम, बीजेपी, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

शिमला शहर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं।

शिमला विधानसभा क्षेत्र वर्तमान विधायक बीजेपी पार्टी के सुरेश भारद्वाज संपर्क न.  ९४१८०२०३४७

शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र वर्तमान विधायक कांग्रेस पार्टी के विक्रमादित्य सिंह संपर्क न. 9418000014 

शिमला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मंडल।

मशोबरा, शिमला 

शिमला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

2012 सुरेश भारद्वाज बीजेपी 11563 =  628 हरीश कांग्रेस   10935

2007 सुरेश भारद्वाज बीजेपी 12443 =  2588 संजय चौहान सीपीएम 9 855

2003 हरभजन सिंह भाजी कांग्रेस 12060 = 2111 संजय चौहान सीपीएम 99 4 9

1998  नरिंदर ब्रगता बीजेपी 14758 = 2603 हरभजन सिंह भाजी इंकांग्रेस 12155

1996 जनरल आदर्श कुमार कांग्रेस 14211 = 2778 सुरेश भारद्वाज बीजेपी 11433

1993  राकेश सिंह सीपीएम 11854 = 159 हरभजन सिंह भाजी कांग्रेस 11695

199 0 सुरेश भारद्वाज बीजेपी 12701 = 5844 राकेश सिंह सीपीएम 6857

1985 हरभजन सिंह आईएनसी 8825 = 630 राधा रमन शास्त्री बीजेपी 8195

1982 दौलत राम बीजेपी 12314 = 2 9 45 आनंद शर्मा कांग्रेस 936 9

1977 दौलत राम चौहान जेएनपी 14105 = 10447 उषा मल्होत्रा ​​कांग्रेस 3658

1972 दौलत राम चौहान बीजेएस 59 9 0 = 555 शिव दत्त भारद्वाज कांग्रेस 5435

1967 डी। राम बीजेएस 6718 = 3787 सीचंद कांग्रेस 2931

 

शिमला संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान सांसद

माननीय वीरेंद्र कश्यप बीजेपी पार्टी

शिमला शहर मौसम और जलवायु

गर्मी भी बहुत ठंडी है। शिमला गर्मी का उच्चतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

जनवरी का औसत तापमान 7 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 8 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 14 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 18 डिग्री सेल्सियस है, मई 23 डिग्री सेल्सियस है।

शिमला शहर कैसे पहुंचे

रेल द्वारा

शिमला रेलवे स्टेशन, समर हिल रेल वे स्टेशन शिमला शहर में निकटतम रेलवे स्टेशन है।

शिमला शहर का पिनकोड

171006 (संजौली), 171009 (नई शिमला), 171011 (टोटू), 171003 (एएचक्यू), 171002 (शिमला पूर्व), 171005 (समरिल), 171008 (ज्योतिग), 171001 (शिमला उच्च न्यायालय)

आस पास के शहर

शिमला 1 किमी

सोलन 25 किमी

कलमा 94 किमी

तालुक के पास

बद्दी 47 किलोमीटर

शिमला 0 किमी

मशोबरा 2 किमी

बसंतपुर 10 किमी

कंधघाट 15 किमी दूर

हवाई बंदरगाहों के पास

सिमला एयरपोर्ट 3 किमी

चंडीगढ़ हवाई अड्डे के पास 66 km

भंतर हवाई अड्डे 110 किलोमीटर

देहरादून हवाई अड्डा 133 किमी।

जिलों के पास

1 किमी के करीब शिमला

25 किमी के करीब सोलन

बिलासपुर जिला 54 किमी

रेलवे स्टेशन के पास

पंचकुला 61 किमी

सिमला रेलवे स्टेशन 2.3 किमी दूर है

समर हिल रेलवे स्टेशन 4.7 किमी के करीब है

तारदेवी रेलवे स्टेशन 5.5 किमी दूर है।

कालका रेल वे स्टेशन 41 किलोमीटर दूर है

 

विकास कार्य :

2019

अरुणा आसफ़ अली की जीवनी
पूरा नाम – अरुणा आसफ़ अली
जन्म – 16 जुलाई 1909
जन्मस्थान – कालका ग्राम, पंजाब
पिता – उपेन्द्रनाथ गांगुली
माता – अम्बालिका देवी
विवाह – आसफ़ अली

अरुणा आसफ अली का जन्म अरुणा गांगुली के नाम से 16 जुलाई 1909 को ब्रिटिश कालीन भारत में बंगाली ब्राह्मण परीवार में पंजाब के कालका ग्राम में हुआ था। उनके पिता उपेन्द्रनाथ गांगुली एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। उनकी माता अम्बालिका देवी त्रिलोकनाथ सान्याल की बेटी थी।
उपेन्द्रनाथ गांगुली का छोटा भाई धीरेंद्रनाथ गांगुली भूतकालीन फ़िल्म डायरेक्टर थे। उनका एक और भाई नागेंद्रनाथ एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे जिन्होंने नोबेल प्राइज विनर रबीन्द्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से विवाह किया था।
अरुणा की बहन पूर्णिमा बनर्जी भारत के कांस्टिटुएंट असेंबली की सदस्य है। अरुणा की पढाई लाहौर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में पूरी हुई। ग्रेजुएशन के बाद कलकत्ता के गोखले मेमोरियल स्कूल में वह पढाने लगी। वहा उनकी मुलाकात आसफ अली से हुई, जो अल्लाहाबाद में कांग्रेस पार्टी की नेता थे। 1928 में अपने परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने सितम्बर 1928 में विवाह कर लिया।
आसफ अली विवाह करने और महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने के बाद वह कांग्रेस पार्टी की एक सक्रीय सदस्य बनी। हिंसात्मक होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और इसीलिये 1931 के गांधी-इरविन करार के बावजूद उन्हें छोड़ा नही गया।
लेकिन कैद बाकी महिलाओ ने उनका साथ देते हुए कहा की वे तभी जेल छोड़ेंगे जब अरुणा आसफ अली को भी रिहा किया जायेगा। लोगो के भारी सहयोग को देखते हुए आख़िरकार अधिकारियो को अरुणा आसफ अली को रिहा करना ही पड़ा।
1932 में उन्होंने तिहार जेल में अपनी विविध मांगो को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। उस समय तिहार जेल की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकी भूक हड़ताल से तिहार जेल में काफी सुधार हुए। बाद में वह अम्बाला चली गयी।
महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं जब सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो उन्होंने अद्भुत कौशल का परिचय दिया और नौ अगस्त के दिन मुम्बई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहराकर अंग्रेजों को देश छोड़ने की खुली चुनौती दे डाली।
अरुणा आसफ़ अली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फहराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद भी वह राजनीती में हिस्सा लेती रही और 1958 में दिल्ली की मेयर बनी। 1960 में उन्होंने सफलतापूर्वक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। Aruna Asaf Ali के या योगदान को देखते हुए 1997 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आज अरुणा आसफ अली भले ही हमारे बीच नहीं हैं। पर उनके कार्य और उनका अंदाज आने वाली पीढ़ियों को सदैव रास्ता दिखाते रहेंगें। उन्हें यूँ ही स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी‘ नहीं कहा जाता है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी अरुणा आसफ़ अली के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी