शहीद उधम सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष/सदस्य परिचय सूची

नाम : मा. फ़ातिमे डोमनिक भोंकर
पद : जिला परिषद सदस्य
वॉर्ड : 6-राय
ज़िला पंचायत : दक्षिण गोवा
राज्य : गोवा
पार्टी : गोवा विकास पार्टी
चुनाव : 2017 na वोट
सम्मान :
माननीय जी को निकाय चुनाव् में विजेता चुने जाने के उपरान्त नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति (NGO) नई दिल्ली द्वारा www.njssamiti.com पर जनप्रतिनिधि डिजिटल रिकॉर्ड में शामिल कर संस्था को सामाजिक कार्य महापुरुषों की जीवनी समाज तक पहुंचाने के लिए माननीय जी को शहीद उधम सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष / सदस्य सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है - मेहनाज़ अंसारी (जनरल सक्रेटरी)

विवरण :

introduction

Honorable, Fatime Domnic Gaonkar

Post : Zila Parishad Membar

Word No. 6 Raia

Zila Parishad : South Goa 

State : Goa 

Sapotars : Goa Vikas Party 

Adress : H.No. 56/D, Arlem, Raia, Salcette - Goa

Mob.  : 9632148798

निवास आर्लेम राइआ  के बारे में, 

रैलेम, राय गोवा राज्य, भारत में मागाओ शहर में एक लोकैलिटी है।

आर्लेम, राय पिन कोड 403720 है और डाक प्रमुख कार्यालय राय है।

मडगांव, मागाओ, कर्कोरम कैकोरा, गोवा वेल्हा मार्गो के पास के शहर हैं।

यह अरबी समुद्र के नजदीक है। मौसम में आर्द्रता का मौका है।

आर्लेम, रायया की जनसांख्यिकी

कोंकणी यहां स्थानीय भाषा है।

आर्लेम, राय में राजनीति

एसजीएफ, बीजेपी, आईएनसी इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

वर्तमान में कर्टोरिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ।

अलेक्सो रेजिनाल्डो लोरेन्को कांग्रेस संपर्क न. 9822485327

कर्टोरिम विधानसभा क्षेत्र में मंडल।

साल्केटे , मार्गो

कर्टोरिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक विधायक का इतिहास।

1967 = बी। आर जोक्विम यूजीएस 8778 = 8222 सी। ए । एम। जोस कोंग्रस  556

1972 =  एफ.ई.एस. सिल्वीरा मार्टिन्हो यूजीएस 7120 = 5081 कार्डोजोई लुइस पिएडेड  निर्दलीय  2039

1977 =  सरडिन्हा फर्न्स्को सिट्टाना कांग्रेस  3945 = 1128 अगुइयार मैनुअल सेबास्टिया जेएनपी 2817

1980 = सरडिन्हा फ्रांसिस्को कैटानो कांग्रेस(यू) 7418 = 4857 कोस्टा सेबास्ताओ विक्सेन्ट मैग  2561

1984 = सरडिन्हा फ्रांसिस्को कैटानो कांग्रेस 9452 = 5665 डायस इनासिओ कैटानो मार्सेलिनो निर्दलीय  3787

1989 = सरडिन्हा कोसम फ्रांसिस्को कैटानो इंक 8876 = 4940 बारबोसा एगोस्टिन्हो सेवस्तियाओ जनता दल 3 9 36

1994 = गाओन्कर एंटोनियो दामिया यूजीडीपी 6564 94 सरडिन्हा कोस्मोफ्रांसिस्को गाएटानो कांग्रेस 6470

1999 = सरडिन्हा फ्रांसिस्को कैटानो कांग्रेस 10843 = 9550 गुनकर एंटोनियो दामिया निर्दलीय  1293

2002 =  सरडिन्हा कोसम फ्रांसिस्को कैटानो इंक 8907 कांग्रेस2851 लोरेन्को ब्रूनो सैंटोस निरलादिय 56

2007 = अलेक्सो रेजिनाल्डो लोरेन्को एसजीएफ 9 320 = 1827 सरडिन्हा कोसम फ्रांसिस्को कैटानो कांग्रेस 74 9 3

2012 = अलेक्सो रेजिनाल्डो लोरेनको कांग्रेस 11221 = 4069 घरेलू गायनकर  निर्दलीय  7152

आर्लेम, राय के पास मतदान केंद्र / बूथ

1) सरकारी। प्राथमिक मध्य विद्यालय भाटी कर्टोरिम (पूर्वी विंग)

2) कृषि विपणन संघ आर्लेम राय

3) पशुपालन और Vet.services Sonsodo (ई डब्ल्यू)

4) आवास बोर्ड कार्यालय गोगोल

5) कृषि विपणन संघ आर्लेम राय

आर्लेम, राय कैसे पहुंचे

रेल द्वारा

संजूजे दा अरे रेलवे स्टेशन, मडगांव रेल वे स्टेशन आर्लेम, राय के बहुत पास के रेलवे स्टेशन हैं।

शहरों के नजदीक

मडगांव 4 किमी निकट

मार्गो 4 किमी निकट

करचोरेम  ककरा  14 किमी निकट

गोवा वेल्हा 21 किमी निकट

तालुक के पास

मार्गो 3 किमी निकट

मडगांव 3 किमी निकट

साल के पास 6 किमी दूर

पांडा 14 किलोमीटर निकट है

एयर पोर्ट्स के पास

दाबोलिम हवाई अड्डे के पास 20 किलोमीटर दूर है

साम्ब्रे  हवाई अड्डे 102 किमी निकट

हुबली हवाई अड्डे 131 किलोमीटर निकट है

कोल्हापुर एयरपोर्ट 175 किलोमीटर दूर है

पर्यटक स्थलों के पास

गोवा 38 किमी निकट

नेरसा 63 किलोमीटर निकट है

करवार 63 किलोमीटर दूर

देवबाग 64 किमी निकट

सावंतवाडी 78 किमी निकट

जिलों के पास

दक्षिण गोवा 4 किमी निकट

उत्तरी गोवा के पास 31 किलोमीटर दूर है

उत्तर कन्नड़ 62 किलोमीटर दूर है

बेलगाम 93 किलोमीटर निकट है

रेलवे स्टेशन के पास

मडगांव रेल वे स्टेशन 4.8 किलोमीटर दूर है

संजुजे  दा अरे रेलवे स्टेशन 4.9 किमी के पास

सुरवली रेल मार्ग स्टेशन 6.4 किलोमीटर निकट है

संवेर्दम  चर्च  रेलवे स्टेशन 14 किमी निकट

विकास कार्य :

2019

शहीद उधम सिंह जीवनी
उधम सिंह Udham Singh एक राष्ट्रवादी भारतीय क्रन्तिकारी थे जिनका जन्म शेर सिंह के नाम से 26 दिसम्बर 1899 को सुनम, पटियाला, में हुआ था। उनके पिता का नाम टहल सिंह था और वे पास के एक गाँव उपल्ल रेलवे क्रासिंग के चौकीदार थे। सात वर्ष की आयु में उन्होंने अपने माता पिता को खो दिया जिसके कारण उन्होंने अपना बाद का जीवन अपने बड़े भाई मुक्ता सिंह के साथ 24 अक्टूबर 1907 से केंद्रीय खालसा अनाथालय Central Khalsa Orphanage में जीवन व्यतीत किया। दोनों भाईयों को सिख समुदाय के संस्कार मिले अनाथालय में जिसके कारण उनके नए नाम रखे गए। शेर सिंह का नाम रखा गया उधम सिंह और मुक्त सिंह का नाम रखा गया साधू सिंह। साल 1917 में उधम सिंह के बड़े भाई का देहांत हो गया और वे अकेले पड़ गए।
उधम सिंह के क्रन्तिकारी जीवन की शुरुवात

उधम सिंह ने अनाथालय 1918 को अपनी मेट्रिक की पढाई के बाद छोड़ दिया। वो 13 अप्रैल 1919 को, उस जलिवाला बाग़ हत्याकांड के दिल दहका देने वाले बैसाखी के दिन में वहीँ मजूद थे। उसी समय General Reginald Edward Harry Dyer ने बाग़ के एक दरवाज़ा को छोड़ कर सभी दरवाजों को बंद करवा दिया और निहत्थे, साधारण व्यक्तियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी। इस घटना में हजारों लोगों की मौत हो गयी। कई लोगों के शव तो कुए के अन्दर से मिले।
उधम सिंह को जेल
इस घटना के घुस्से और दुःख की आग के कारण उधम सिंह ने बदला लेने का सोचा। जल्दी ही उन्होंने भारत छोड़ा और वे अमरीका गए। उन्होंने 1920 के शुरुवात में Babbar Akali Movement के बारे में जाना और वे वापस भारत लौट आये। वो छुपा कर एक पिस्तौल ले कर आये थे जिसके कारण पकडे जाने पर अमृतसर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके कारण उन्हें 4 साल की जेल हुई बिना लाइसेंस पिस्तौल रखने के कारण।
जेल से छुटने के बाद इसके बाद वे अपने स्थाई निवास सुनाम Sunam में रहने के लिए आये पर वहां के व्रिटिश पुलिस वालों ने उन्हें परेशां किया जिसके कारण वे अमृतसर चले गए। अमृतसर में उधम सिंह ने एक दुकान खोला जिसमें एक पेंटर का बोर्ड लगाया और राम मुहम्मद सिंह आजाद के नाम से रहने लगे Ram Mohammad Singh Azad. उधम सिंह ने यह नाम कुछ इस तरीके से चुना था की इसमें सभी धर्मों के नाम मौजूद थे। उधम सिंह शहीद भगत सिंह के विचारों से प्रेरित उधम सिंह भगत सिंह के कार्यों और उनके क्रन्तिकारी समूह से बहुत ही प्रभावित हुए थे। 1935 जब वे कश्मीर गए थे, उन्हें भगत सिंह के तस्वीर के साथ पकड़ा गया था। उन्हें बिना किसी अपराध के भगत सिंह का सहयोगी मान लिया गया और भगत सिंह को उनका गुरु। उधम सिंह को देश भक्ति गीत गाना बहुत ही अच्छा लगता था और वे राम प्रसाद बिस्मिल के गीतों के बहुत शौक़ीन थे जो क्रांतिकारियों के एक महान कवी थे।
कश्मीर में कुछ महीने रहने के बाद, उधम सिंह ने भारत छोड़ा। 30 के दशक में वे इंग्लैंड गए। उधम सिंह जलियावाला बाग हत्या कांड का बदला लेने का मौका ढूंढ रहे थे। यह मौका बहुत दिन बाद 13 मार्च 1940 को आया।
लन्दन में उधम सिंह ने लिया जलिवाला हत्याकांड का बदला
उस दिन काक्सटन हॉल, लन्दन Caxton Hall, London में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन East India Association और रॉयल सेंट्रल एशियाई सोसाइटी Royal Central Asian Society का मीटिंग था। लगभग शाम 4.30 बजे उधम सिंह ने पिस्तौल से 5-6 गोलियां सर माइकल ओ द्व्येर Sir Michael O’Dwyer पर फायर किया और वहीँ उसकी मौत हो गयी। इस गोलीबारी के समय भारत के राज्य सचिव को भी Secretary of State for India चोट लग गयी जो इस सभा के प्रेसिडेंट President थे। सबसे बड़ी बात तो यह थी की उधम सिंह को यह करने का कोई भी डर नहीं था। वे वहां से भागे भी नहीं बस उनके मुख से यह बात निकली की – मैंने अपने देश का कर्तव्य पूरा कर दिया।
शहीद उधम सिंह की मृत्यु
1 अप्रैल, 1940, को उधम सिंह को जर्नल डायर Sir Michael O’Dwyer को हत्यारा माना गया। 4 जून 1940 को पूछताच के लिए सेंट्रल क्रिमिनल कोर्ट, पुराणी बरेली Central Criminal Court, Old Bailey में रखा गया था अलाकी उन्हें जस्टिस एटकिंसन Justice Atkinson के फांसी की सजा सुना दी थी। 15 जुलाई 1940 में एक अपील दायर की गयी थी उन्हें फांसी से बचाने के लिए परन्तु उसको खारीच कर दिया गया। 31 जुलाई 1940 को उधम सिंह को लन्दन के Pentonville जेल में फांसी लगा दिया गया।
उनकी एक आखरी इच्छा थी की उनके अस्थियों को उनके देश भेज दिया जाये पर यह नहीं किया गया। 1975 में भारत सरकार, पंजाब सरकार के साथ मिलकर उधम सिंह के अस्थियों को लाने में सफल हुई। उनको श्रदांजलि देने के लिए लाखों लोग जमा हुए थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी उधम सिंह के बलिदान को युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी