अरुणा आसफ़ अली निगम महापौर/ पार्षद परिचय सूची

नाम : मा. गायत्री देवी
पद : निगम पार्षद
वॉर्ड : न. 05
नगर निगम रांची
राज्य : झारखंड
पार्टी : निर्दलीय
चुनाव : 2018= 6097/1379 वोट
सम्मान :
next year

विवरण :

introduction 
Name: Honble Gayatri Devi
Designation : Municipal Corporator
Ward Name : 05 
Municipal Corporation : Ranchi
State: Jharkhand
Eligibility: Graduates
Mobail No: 8709022053 
Support: independents
residence: booty turn
Language : Hindi and Urdu, Bengali, Asuri, Munda 
Current Time 11:48 AM 
Date: Monday , Dec 24,2018 (IST) 
Telephone Code / Std Code: 0651 
Municipal Corporation Mayor Ranchi: Asha Lakra (BJP) 
 Contact Number: 9431115820
Assembly constituency : Hatia assembly constituency
Assembly MLA : Navin Jaiswal JVM(P)
Contact Number:9431101379 , 9234457450
Lok Sabha constituency : Ranchi parliamentary constituency 
Parliament MP : Ram Tahal Choudhary (BJP)  Contact Number:9431382187, 9973828156
Pin Code : 834008 
Post Office Name : Ranchi University
वार्ड न. 05 - निगम पार्षद संक्षिप्त जीवनी 
श्रीमती गायत्री देवी बूटा मोड़ रांची की रहने वाली एक गृहणी के रूप में पहली बार चुनाव लड़ा और निर्वाचित भी हुईं, ये अपने पति पवन राम के साथ समाज सेवा करती हैं, नगर निगम चुनाव 2018  वार्ड न. 05 रांची में कुल पड़े मत संख्या 6097 में से निर्दलीय समर्थित नगर निगम पार्षद पद पर माननीय गायत्री देवी जी ने कुल पड़े मत संख्या 6097 में से (1379 )  मत पाकर 
2 = गीता देवी = निर्दलीय (1209)  को 170  अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता 
3- मंजू देवी = निर्दलीय (1132 )  मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे 
राँची भारत का एक प्रमुख नगर निगम है इसमें कुल 58  वार्ड हैं। निकाय चुनाव 2018 में भारतीय जनता पार्टी समर्थित नगर निगम महापौर पद पर  माननीय आशा लकड़ा जी ने कुल पड़े मत संख्या में से (149623)  मत पाकर 
2 - वर्षा गाढ़ी = झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (110007 )  को 39616  अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता  
रांची झारखंड प्रदेश की राजधानी है। यह झारखंड का तीसरा सबसे प्रसिद्ध शहर है। इसे झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिहार राज्य का भाग था तब गर्मियों में अपने अपेक्षाकृत ठंडे मौसम के कारण प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। झारखंड आंदोलन के दौरान राँची इसका केन्द्र हुआ करता था।
राँची एक प्रमुख औद्योगिक केन्द्र भी है। जहाँ मुख्य रूप से एच ई सी (हेवी इंजिनियरिंग कारपोरेशन), भारतीय इस्पात प्राधिकरण, मेकन इत्यादि के कारखाने हैं। राँची के साथ साथ जमशेदपुर और बोकारो इस प्रांत के दो अन्य प्रमुख औद्योगिक केन्द्र हैं।
राँची को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट सिटीज मिशन के अन्तर्गत एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले सौ भारतीय शहरों में से एक के रूप में चुना गया है। राँची भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का गृहनगर होने के लिए प्रसिद्ध है।
झारखंड की राजधानी राँची में प्रकृति ने अपने सौंदर्य को खुलकर लुटाया है। प्राकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। गोंडा हिल और रॉक गार्डन, मछली घर, बिरसा जैविक उद्यान, टैगोर हिल, मैक क्लुस्किगंज और आदिवासी संग्राहलय इसके प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। इन पर्यटक स्थलों की सैर करने के अलावा यहां पर प्रकृति की बहुमूल्य देन झरनों के पास बेहतरीन पिकनिक भी मना सकते हैं। राँची के झरनों में पांच गाघ झरना सबसे खूबसूरत है क्योंकि यह पांच धाराओं में गिरता है। यह झरने और पर्यटक स्थल मिलकर राँची को पर्यटन का स्वर्ग बनाते हैं और पर्यटक शानदार छुट्टियां बिताने के लिए हर वर्ष यहां आते हैं।
नामोत्पत्ति
राँची का नाम उराँव गांव के पिछले नाम से एक ही स्थान पर, राची के नाम से लिया गया है। राँची उराँव शब्द रअयची से निकला है जिसका मतलब है रहने दो। पौराणिक कथाओं के अनुसार, आत्मा के साथ विवाद के बाद,एक किसान ने अपने बांस के साथ आत्मा को हराया। आत्मा ने रअयची रअयची चिल्लाया और गायब हो गया। रअयची राची बन गई, जो राँची बन गई। राची के ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण पड़ोस में डोरांडा (दुरन दुरङ का अर्थ है गीत और दाह दएः का अर्थ मुंदारी भाषा में जल है)। डोरांडा हीनू (भुसूर) और हरमू नदियों के बीच स्थित है, जहां ब्रिटिश राज द्वारा स्थापित सिविल स्टेशन, ट्रेजरी और चर्च सिपाही विद्रोह के दौरान विद्रोही बलों द्वारा नष्ट किए गए थे।
भूगोल
राँची कर्क रेखा के पास है। इसकी नगरपालिका क्षेत्र 652.02 कि॰मी2 (252 वर्ग मील) है, और इसकी औसत ऊंचाई समुद्र तल से 651 मीटर है। राँची छोटा नागपुर पठार के दक्षिणी भाग में स्थित है, जो दक्कन पठार का पूर्वी भाग है।
राँची की एक पहाड़ी स्थलाकृति और इसके घने उष्णकटिबंधीय जंगलों का एक संयोजन है जो राज्य के बाकी हिस्सों की अपेक्षा अपेक्षाकृत मध्यम जलवायु का उत्पादन करता है। हालांकि, अनियंत्रित वनों की कटाई और शहर के विकास के कारण, औसत तापमान में वृद्धि हुई है।
जनसांख्यिकी
2011 की जनगणना के अनुसार, राँची नगरपालिका की जनसंख्या 1,126,741 है, यह भारत में 46 वां सबसे बड़ा शहरी शहर बना रही है। जनसंख्या का 51.3% पुरुष और 48.7% महिलाएं हैं। राँची शहर में औसत साक्षरता दर 87.68% (जनगणना 2011) है।
2000 में झारखंड के नए राज्य की घोषणा के बाद शहर में आबादी में अचानक वृद्धि देखी गई। रोजगार के बढ़ते अवसरों और कई क्षेत्रीय और राज्य स्तर के कार्यालयों, बैंकों और एफ.एम.सी.जी . कंपनियों के उद्घाटन के चलते शहर में रोज़गार का तेजी प्रवासियों की मांग 2010 के अंत में एसोसिएटेड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया द्वारा किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, राँची 16.8% की हिस्सेदारी के साथ भारत में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले टियर-थ्री शहरों में से एक था, इसके बाद मैंगलोर और मैसूर का नाम था।
परिवहन
वायुमार्ग
राँची की बिरसा मुंडा एयरपोर्ट (आई एक्स आर) को कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, पटना, हैदराबाद, भुवनेश्वर से सीधी उड़ानें हैं। एयर इंडिया, गोएयर, इंडिगो और एयर एशिया जैसी कुछ प्रमुख एयरलाइंस इस उद्देश्य का काम करती हैं। सीधे चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों के साथ ही राँची को जोड़ने के लिए योजनाएं चल रही हैं। एक नया घरेलू टर्मिनल अब तैयार है, जो 19,676 वर्ग मीटर भूमि पर आयातित उपकरणों से सुसज्जित है, और इसमें 500 घरेलू यात्रियों को संभालने की क्षमता है।
इसके अलावा, बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर अत्याधुनिक घरेलू कार्गो कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुबर दास द्वारा 50 लाख टन की दैनिक क्षमता के साथ किया गया था, जो अब राँची में और बाहर चलने वाली 14 उड़ानों को पूरा करता है।
रेलवे
राँची रेलवे स्टेशन अच्छी तरह से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और अन्य प्रमुख शहरों से सीधे ट्रेनों से जुड़ा हुआ है। इसमें सभी मानक आवश्यकताओं के साथ छह प्लेटफार्म हैं। यह राँची हवाई अड्डे और बस टर्मिनल से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राँची रेलवे स्टेशन 36 हॉलिंग ट्रेनों, 27 आरंभिक ट्रेनों और 27 टर्मिनेशन ट्रेनों को पूरा करता है।
सड़क मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 23 और 33 द्वारा बसों और निजी वाहनों द्वारा आसानी से रांची तक पहुचा जा सकता है।
मुख्य आकर्षण
गोंडा हिल एण्ड रॉक गार्डन
रांची में पर्यटक गोंडा हिल और रॉक गार्डन की सैर पर जा सकते हैं। रॉक गार्डन को गोंडा हिल की चट्टानों को काटकर बनाया गया है। इस पार्क के अलावा गोंडा हिल की तराई में एक बांध का निर्माण भी किया गया है जो इसकी खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है। यह सब मिलकर इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाते हैं। पर्यटकों को यहां आकर बहुत अच्छा लगाता है क्योंकि वह यहां पर शानदार पिकनिक का आनंद ले सकते हैं।
मछलीघर और मूटा मगरमच्छ प्रजनन केन्द
गोंडा हिल पर पिकनिक मनाने के अलावा पर्यटक रांची में मछलीघर और मूटा मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र देखने जा सकते हैं। मछलीघर में पर्यटक विभिन्न प्रजातियों की रंग-बिरंगी मछलियों को देख और खरीद सकते हैं। जबकि मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र में लगभग 50 मगरमच्छों को देखा जा सकता है। यह दोनों बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। वह मछलियों और मगरमच्छों के खूबसूरत चित्रों के फोटो खींचकर भी ले जाते हैं।
टैगोर पहाड़ी
टैगोर पहाड़ी की गिनती रांची के प्रमुख पर्यटक स्थलों में की जाती है। यह पर्यटकों के बीच बेहतरीन पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। उन्हें पहाड़ी पर आकर बहुत अच्छा लगता है क्योंकि इस पहाड़ी से पूरे रांची के मनोहारी दृश्य देखे जा सकते हैं। पहाड़ी पर पत्थरों से बने शांतिधाम को भी देखा जा सकता है। इसका निर्माण गुरूदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बड़े भाई ने कराया था।
मैक क्लुस्किगंज
यूरोपि‍यन शैली के बंगलों और आदिवासी संग्राहलय के लिए मैक क्लुस्किगंज स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है। यहां पर कई खूबसूरत बंगले देखे जा सकते हैं। बंगलों के अलावा यहां पर आदिवासी संग्राहलय की स्थापना भी की गई है जिसमें आदिवासियों के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक वस्तुओं को देखा जा सकता है।
झरने
प्रकृति के अनमोल उपहार झरनों को रांची के पर्यटन उद्योग की जान माना जाता है। इन झरनों में हुन्डरू, जोन्हा, दसम और पांच गाघ झरने प्रमुख हैं। यह झरने तो खूबसूरत हैं ही लेकिन इनके आस-पास के नजारे भी बहुत खूबसूरत हैं जो पर्यटकों को मंत्र-मुग्ध कर देते हैं। इन सभी झरनों में जोन्हा झरना प्रमुख है क्योंकि इस झरने के पास भगवान बुद्ध के मन्दिर के दर्शन किए जा सकते हैं। पर्यटकों को यह झरना खासतौर से आकर्षित करता है क्योंकि यहां उनके ठहरने के लिए रेस्ट हाऊस का निर्माण किया है।
दशम जलप्रपात - राँची से लगभग ४० किलोमीटर दूर राँची जमशेदपुर मार्ग पर
जोन्हा जलप्रपात - राँची से लगभग १८ किलोमीटर दूर
हुन्डरु जलप्रपात - राँची से लगभग २८ किलोमीटर दूर
जगन्नाथपुर मंदिर - पुरी की स्थापत्य शैली में निर्मित मंदिर
शहरों के पास
रांची 1 KM 
खूंटी 34 KM 
पतरातू 37 KM 
रामगढ़ 38 किलोमीटर 
तालुकों के पास
रांची 0 के एम 
कांके 12 KM 
नामकुम 13 KM
रातू 14 KM 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 4 KM 
गया हवाई अड्डा 178 KM 
पटना एयरपोर्ट 280 KM 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 369 KM 
पर्यटक स्थलों के पास
रांची 0 केएम 
दशम जलप्रपात 29 KM 
छोटानागपुर 54 KM 
लोहरदगा 72 KM 
गुमला 96 किलोमीटर 
जिले के पास
रांची 1 KM 
खूंटी 34 KM 
रामगढ़ 40 KM 
लोहरदगा 72 KM 
रेल्वे स्टेशन के पास
अरगोड़ा रेल मार्ग स्टेशन 0.7 KM 
रांची जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 3.1 KM 
हटिया रेल मार्ग स्टेशन 5.3 KM 

हटिया विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल

हटिया विधानसभा क्षेत्र में AJSUP, JVM (P), BJP, JVMP, INC प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
हटिया विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
रातू, रांची
हटिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 = एन जायसवाल AJSUP 41566 = 11884 ए.एन. Shahdeo JVM 29682
2014 = नवीन जायसवाल JVMP 88228 = 8018 सीमा शर्मा बीजेपी 80210
2009 = गोपाल एस.एन.शाहदेव कांग्रेस  39921 = 25 राम जी लाल शारदा बीजेपी 39896
2005 = गोपाल एस.एन. शाहदेव कांग्रेस 46104 = 5207 कृष्ण कुमार पोद्दार भाजपा 40897
 
 

विकास कार्य :

माननीय नवनिर्वाचित निगम पार्षद जी ने अभी अपने विकास कार्यों की सूचि उपलब्ध नहीं कराई है जल्द ही प्रकाशित की जाएगी 

अरुणा आसफ़ अली की जीवनी
पूरा नाम – अरुणा आसफ़ अली
जन्म – 16 जुलाई 1909
जन्मस्थान – कालका ग्राम, पंजाब
पिता – उपेन्द्रनाथ गांगुली
माता – अम्बालिका देवी
विवाह – आसफ़ अली

अरुणा आसफ अली का जन्म अरुणा गांगुली के नाम से 16 जुलाई 1909 को ब्रिटिश कालीन भारत में बंगाली ब्राह्मण परीवार में पंजाब के कालका ग्राम में हुआ था। उनके पिता उपेन्द्रनाथ गांगुली एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। उनकी माता अम्बालिका देवी त्रिलोकनाथ सान्याल की बेटी थी।
उपेन्द्रनाथ गांगुली का छोटा भाई धीरेंद्रनाथ गांगुली भूतकालीन फ़िल्म डायरेक्टर थे। उनका एक और भाई नागेंद्रनाथ एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे जिन्होंने नोबेल प्राइज विनर रबीन्द्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से विवाह किया था।
अरुणा की बहन पूर्णिमा बनर्जी भारत के कांस्टिटुएंट असेंबली की सदस्य है। अरुणा की पढाई लाहौर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में पूरी हुई। ग्रेजुएशन के बाद कलकत्ता के गोखले मेमोरियल स्कूल में वह पढाने लगी। वहा उनकी मुलाकात आसफ अली से हुई, जो अल्लाहाबाद में कांग्रेस पार्टी की नेता थे। 1928 में अपने परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने सितम्बर 1928 में विवाह कर लिया।
आसफ अली विवाह करने और महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने के बाद वह कांग्रेस पार्टी की एक सक्रीय सदस्य बनी। हिंसात्मक होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और इसीलिये 1931 के गांधी-इरविन करार के बावजूद उन्हें छोड़ा नही गया।
लेकिन कैद बाकी महिलाओ ने उनका साथ देते हुए कहा की वे तभी जेल छोड़ेंगे जब अरुणा आसफ अली को भी रिहा किया जायेगा। लोगो के भारी सहयोग को देखते हुए आख़िरकार अधिकारियो को अरुणा आसफ अली को रिहा करना ही पड़ा।
1932 में उन्होंने तिहार जेल में अपनी विविध मांगो को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। उस समय तिहार जेल की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकी भूक हड़ताल से तिहार जेल में काफी सुधार हुए। बाद में वह अम्बाला चली गयी।
महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं जब सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो उन्होंने अद्भुत कौशल का परिचय दिया और नौ अगस्त के दिन मुम्बई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहराकर अंग्रेजों को देश छोड़ने की खुली चुनौती दे डाली।
अरुणा आसफ़ अली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फहराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद भी वह राजनीती में हिस्सा लेती रही और 1958 में दिल्ली की मेयर बनी। 1960 में उन्होंने सफलतापूर्वक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। Aruna Asaf Ali के या योगदान को देखते हुए 1997 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आज अरुणा आसफ अली भले ही हमारे बीच नहीं हैं। पर उनके कार्य और उनका अंदाज आने वाली पीढ़ियों को सदैव रास्ता दिखाते रहेंगें। उन्हें यूँ ही स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी‘ नहीं कहा जाता है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी अरुणा आसफ़ अली के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी