सूदखोरी विरोधी अभियान
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सूदखोरी विरोधी अभियान योजना के अंतर्गत सूदखोरी के विरुद्ध अभियान चलाना किसानों/ मजदूरों की बढ़ती आत्महत्याओं की सबसे
बड़ी वजह अवैध ब्याज है सरकार द्वारा तय मानकों को ताक पर रखकर लायसेंस धारी सूदखोर किसान मजदूरों को अपनी मर्ज़ी के अनुसार
ब्याज वसूलते हैं शुरू में ३% पर और फिर एक महीने बाद ५% और ६ महीने बाद यह १०% से ३०% तक हो जाता है जिससे उक्त व्यक्ति
क़र्ज़ के दलदल में धंसता चला जाता है और एक दिन आत्म ह्त्या कर लेता है समिति द्वारा संचालित सूदखोरी विरोधी अभियान
द्वारा ऐसे सूदखोर के खिलाफ अदालत में जाना और उनके विरुद्ध आत्म हत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर उनका लाइसेंस रद्द
कराना समाज को ऐसे लोगो के खिलाफ एकजुट कर आंदोलन कर एवं नागरिकों को बैंकों से लेन देन करने उनके बैंक खाते खुलवाने
के लिए जागरूक करना