महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : माधवी मिश्रा
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : रामगढ
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

रामगढ़ जिले के बारे में
रामगढ़ जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। रामगढ़ जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही रामगढ़ छावनी है। यह राज्य की राजधानी रांची की ओर 42 किलोमीटर दक्षिण स्थित है। रामगढ़ जिला आबादी 9 4 9 15 9 है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 17 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु रामगढ़ जिला
यह अक्षांश -23.6, रेखांश -85.5 पर स्थित है। रामगढ़ जिला दक्षिण में रांची जिला उत्तर में हजारीबाग जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। रामगढ़ जिले में लगभग 1211 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। । इसकी 373 मीटर से 340 मीटर ऊंचाई सीमा है। यह जिला हिंदी पट्टी क्षेत्र से संबंधित है।
रामगढ़ जिले का जलवायु
गर्मियों में गर्म है। रामगढ़ जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 1 9 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 25 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 28 डिग्री सेल्सियस है, मई 32 डिग्री सेल्सियस है।
रामगढ़ जिले के डेमो ग्राफिक्स
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी सांताली बोलते हैं। रामगढ़ जिला 4 ब्लॉक, 1 9 7 पंचायत, 612 गांवों में बांटा गया है। गोला ब्लॉक जनसंख्या द्वारा 125476 आबादी के साथ सबसे छोटा ब्लॉक है। रामगढ़ ब्लॉक जनसंख्या द्वारा 254113 आबादी के साथ सबसे बड़ा ब्लॉक है।
रामगढ़ जिले की जनगणना 2011
रामगढ़ जिला जनगणना 2011 के मुताबिक कुल जनसंख्या 9 4 9 15 9 है। माले 4940 9 6 हैं और महिलाएं 455063 हैं। कुल मिलाकर लोग 627964 कुल हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 1211 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य का 17 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन क्षेत्र द्वारा राज्य में 23 वां सबसे बड़ा जिला। 452 वें जनसंख्या द्वारा देश में सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 4 वां उच्चतम जिला। देश में 285 वां उच्चतम जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 73.9 2 है
रामगढ़ जिलें में राजनीति
रामगढ़ जिले और जनसंख्या में उप जिलों की सूची
उप जिला नाम कुल जनसंख्या सदनों की संख्या
पतरातू 247,841 = 47,121
मांडू 253,032 = 48,900
रामगढ़ 161,821 = 30523
दुलमी  66238 = 11713
चितरपुर  70701 = 12633
गोला 149,810 = 28,485
रामगढ़ जिला राजनीतिक मानचित्र
एजेएसयू पार्टी,बीजेपी, जेएमएम,आईएनसी रामगढ़ जिले में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
रामगढ़ जिले में कुल 3 विधानसभा क्षेत्र।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी
बरकागांव निर्मला देवी कांग्रेस संपर्क न. 7654903602
रामगढ़ चंद्र प्रकाश चौधरी एजेएसयू पार्टी संपर्क न. 09572863363
रामगढ़ जिले में संसद निर्वाचन क्षेत्र
रामगढ़ जिले में कुल 1 संसद निर्वाचन क्षेत्र।
हजारीबाग जयंत सिन्हा बीजेपी
रामगढ़ जिला पर्यटन
रामगढ़ जिले में मंदिर
देवी शक्तितिथ रामगढ़ जिले में प्रसिद्ध मंदिर हैं
रामगढ़ परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय रामगढ़ छावनी सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रामगढ़, सौंदा, पतत्रू इस जिले के शहर प्रमुख शहरों और दूरस्थ गांवों के लिए सड़क कनेक्टिविटी रखते हैं। रामगढ़ छावनी सड़क से लगभग 42 किलोमीटर दूर रांची (झारखंड की राजधानी)
रेल वाहक
रामगढ़ में प्रमुख रेल मार्ग स्टेशन रांची रोड है जो भारत के अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों और रेलवे स्टेशन से जुड़ता है।
जिले के कुछ रेलवे स्टेशन बरका कान, पतरतु, रामगढ़ कैंट, चेनपुर, भुरकुंडा, अरिगाडा, हेंडेगीर, बरकीपोना हैं .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
 रांची जिले से घिरा हुआ, हजारीबाग जिला, खुंति जिला,। रांची पठार और दामोदर घाटी राज्य राजमार्ग संख्या 2 का एक दृश्य पतरतु और रांची मा छिन्हामास्त मंदिर के बीच महावीडिया के मंदिर मंदिरों में बने दामोदर नदी के किनारे राजपप्पा मंदिर
 रामगढ़ जिले में पिन कोड
825316 (कुजू), 829135 (भुरकुंडा), 829118 (पतत्रू), 829126 (साउंडा सी), 825326 (तापिन), 825314 (घाटोटंद), 829105 (भदानिनगर), 829130 (पीआरसी), 829122 (रामगढ़ कैंट), 829143 (बालुद्र ), 829133 (साउंडा डी), 829102 (बरकाकाना), 829108 (गिड्डी ए), 825330 (टोपा कोलिरी), 829106 (भुर्कुंडा बाजार), 829117 (मारार), 829131 (एसआरसी), 829150 (रामगढ़ परियोजना), 825101 (चित्तपुर ), 829110 (गोला (रामगढ़)),
 
शहरों के नजदीक
रामगढ़ 2 किमी निकट
सौंदा 17 किमी निकट
पतरातू  25 किमी निकट
रांची 40 किमी निकट
 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 42 किलोमीटर निकट है
गया हवाई अड्डे 153 किमी निकट
पटना हवाई अड्डे के पास 250 किलोमीटर दूर है
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 357 किमी 
 
जिलों के पास
रामगढ़ 0 किलोमीटर निकट है
रांची 40 किमी निकट
हजारीबाग 48 किलोमीटर दूर
खुंति 72 किलोमीटर दूर है
 
रेलवे स्टेशन के पास
रामगढ़ कैंट रेल वे स्टेशन 2.5 किलोमीटर दूर है
बरका कान रेल वे स्टेशन 3.7 किमी निकट
अरिगाडा रेल वे स्टेशन 5.0 किमी निकट
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

0