महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : भोर सिंह यादव
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : लातेहार
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

लातेहार जिले के बारे में
लातेहार जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। लातेहार जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही लातेहार है। यह राज्य की राजधानी रांची की तरफ 110 किलोमीटर पूर्व स्थित है। लतेहार जिला जनसंख्या 725673 है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 20 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु लातेहार जिला
यह अक्षांश-23.7, रेखांश -84.4 पर स्थित है। लातेहार जिला पश्चिम में सर्जुजा जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है, उत्तर में चतरा जिला, पश्चिम में गढ़वा जिला, दक्षिण में लोहारदागा जिला, पश्चिम में पलामू जिला। यह पश्चिम में छत्तीसगढ़ राज्य के साथ सीमा साझा कर रहा है। लातेहार जिले में लगभग 365 9 .9 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। । यह 515 मीटर से 2 9 5 मीटर ऊंचाई सीमा तक है। यह जिला हिंदी क्षेत्र से संबंधित है।
लातेहार जिले का जलवायु
गर्मियों में गर्म है। लतेहार जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 20 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 25 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 30 डिग्री सेल्सियस है, मई 35 डिग्री सेल्सियस है।
लातेहार जिले के डेमो ग्राफिक्स
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी सांताली बोलते हैं। लतेहार जिला 7 ब्लॉक, 118 पंचायत, 811 गांवों में बांटा गया है। 25518 आबादी वाले गरु ब्लॉक जनसंख्या द्वारा सबसे छोटा ब्लॉक है। बलुनाथ ब्लॉक 136166 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा सबसे बड़ा ब्लॉक है।
लातेहार डिस्ट्रिक्ट की जनगणना 2011
लातेहार जिला जनगणना 2011 के मुताबिक कुल जनसंख्या 725673 है। मेले 36 9 487 हैं और महिलाएं 356186 हैं। कुल मिलाकर लोग कुल 480105 हैं। इसका कुल क्षेत्र 365 9 .5 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य का 20 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा राज्य में 11 वां सबसे बड़ा जिला। जनसंख्या द्वारा देश में 491 सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 20 वां उच्चतम जिला। देश में 546 वें जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 61.23 है
लतेहार में राजनीति डिस्ट्रिक्ट
लतेहार जिले और जनसंख्या में उप जिलों की सूची
उप जिला नाम कुल जनसंख्या सदनों की संख्या
मणिका 88095 = 16185
बरवाडीह 98992 = 19127
महुआडांड़  74732 = 13543
गारू 30274 = 5905
लातेहार 144,495 = 27057
बलमा th 89012 = 15972
बरियातू  60095 = 10381
हेरहंज  34630 = 5979
चंदवा  106,653 = 19,232
बीजेपी, जेवीएमपी, आरजेडी, आईएनसी लतेहार जिले में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
लातेहार जिले में कुल 2 विधानसभा क्षेत्रों।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी
मनिका हरिकृष्ण सिंह बीजेपी न.9973534491
लातेहार प्रकाश राम जेवीएमपी न. 09334168713
लातेहार जिले में कुल 1 संसद निर्वाचन क्षेत्रो।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम एमपी नाम पार्टी
चतुरा सुनील कुमार सिंह बीजेपी
लातेहार जिला पर्यटन
लातेहार, नेतरहाट, कोएल नदी, पलामू किला, बेटला राष्ट्रीय उद्यान, कोएल नदी, पलामू किला, कंटी झरने, मैग्नोलिया प्वाइंट, ऊपरी घाघरी फॉल्स, लोअर घाघरी फॉल्स, कोएल व्यू प्वाइंट, पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए हैं।
लतेहार परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय लतेहार सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। लतेहार रांची (झारखंड की राजधानी) तक सड़क से लगभग 110 किमी दूर है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेलवे स्टेशन बारवाडीह जेएन, लतेहार, तोरी, चिपदहोहर, कुमेंदी, चेतर, रिचुघुतु, डेमू हैं .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
 लोहारदागा जिला, पलामू जिला, चतुरा जिला से घिरा हुआ। लतेहार  हैं
लातेहार जिले में पिन कोड
829204 (चिपदहोहर), 82211 9 (महुवादंद), 829207 (लतेहार रुपये), 822127 (मंडल (लतेहार)), 829202 (बलुमाथ), 829206 (लतेहार एचजीएसआई), 829203 (चंदवा), 822111 (बरवाडीह), 9 2211 9 (राजदान)
शहरों के नजदीक
लोहारदागा 43 किलोमीटर दूर
चुरी 62 किलोमीटर दूर 
डाल्टनगंज 63 किलोमीटर दूर
चतरा 72 किलोमीटर 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 108 किमी
गया हवाई अड्डा 135 किलोमीटर 
पटना हवाई अड्डे 240 किलोमीटर
वाराणसी हवाई अड्डे के पास 282 किलोमीटर दूर है
जिलों के पास
लातेहार 0 किलोमीटर निकट
लोहारदागा 43 किलोमीटर दूर
पलामू    61 किलोमीटर 
चतरा 72 किलोमीटर 
रेलवे स्टेशन के पास
लतेहार रेल वे स्टेशन 3.2 किलोमीटर दूर है
डेमू रेलवे स्टेशन 6.5 किलोमीटर दूर है
बेंडी रेलवे स्टेशन 7.9 किमी निकट
टोरि रेलवे स्टेशन 2 9 किमी निकट है
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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