महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : कुलदीप चौधरी
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : बोकारो
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

बोकारो जिले के बारे में
बोकारो जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। बोकारो जिला प्रशासनिक हेड क्वार्टर बोकारो स्टील सिटी है। यह राज्य की राजधानी रांची की तरफ 112 किमी पश्चिम स्थित है। बोकारो जिला आबादी 2061918 है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 5 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु बोकारो जिला
यह अक्षांश -23.6, रेखांश -86.1 पर स्थित है। बोकारो जिला पूर्व में धनबाद जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है, पश्चिम में रामगढ़ जिला, दक्षिण में पुरुलिया जिला। यह पूर्व में पश्चिम बंगाल राज्य के साथ सीमा साझा कर रहा है। बोकारो जिला लगभग 2861 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल रखता है। । इसकी 273 मीटर से 158 मीटर ऊंचाई सीमा है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
बोकारो जिले का जलवायु
गर्मियों में यह बहुत गर्म है। बोकारो जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 18 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 22 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 28 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 33 डिग्री सेल्सियस है, मई 36 डिग्री सेल्सियस है।
बोकारो जिले के डेमो ग्राफिक्स
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी सांताली बोलते हैं। बोकारो जिला 9 ब्लॉक, 252 पंचायत, 140 9 गांवों में बांटा गया है। 76221 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा कास्मार ब्लॉक सबसे छोटा ब्लॉक है। चास ब्लॉक 6 9 8625 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा सबसे बड़ा ब्लॉक है।
बोकारो जिले की जनगणना 2011
बोकारो जिला जनगणना 2011 के मुताबिक कुल जनसंख्या 2061918 है। माला 1076158 हैं और महिलाएं 9 85760 हैं। कुल मिलाकर लोग 1364165 कुल हैं। इसका कुल क्षेत्र 2861 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य का 5 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा राज्य में 13 वां सबसे बड़ा जिला। 221 सेंट जनसंख्या द्वारा देश में सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 5 वां उच्चतम जिला। देश में 305 वां उच्चतम जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 73.48 है
बोकारो जिला और जनसंख्या में उप जिलों की सूची
उप जिला नाम कुल जनसंख्या = मकानों की संख्या
नवाडीह 138,454 = 24556
चंद्रपुर 132,162 = 25,316
बेरमो 189,777 = 35758
गुमिअ  231,185 = 42,962
पेटरवार  132,150 = 25,706
कसमार  89974 = 18237
जरीडीह  104,988 = 21136
चास 813402 = 158059
चंदनकियारी  230,238 = 43,188
बोकारो जिले में राजनीति
एजेएसयू पार्टी, बीजेपी, जेएमएम, जेवीएमपी, आईएनसी बोकारो जिले में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बोकारो जिले में कुल 4 विधानसभा क्षेत्र।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी
गोमिया योगेंद्र प्रसाद जेएमएम  संपर्क न. 9431146800
बर्मो योगेश्वर महतो बीजेपी संपर्क न. 9431128904, 
बोकारो बिरांची नारायण बीजेपी  संपर्क न. 9546101100, 
चंदांकियारी अमर कुमार बौरी जेवीएमपी  संपर्क न. 993154065
बोकारो जिले में कुल 2 संसद निर्वाचन क्षेत्रों।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम एमपी नाम पार्टी
गिरिडीह रविंद्र कुमार पांडे बीजेपी
धनबाद पशुपति नाथ सिंह बीजेपी
बोकारो जिला पर्यटन
बोकारो स्टील सिटी, पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए हैं।
बोकारो परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय बोकारो स्टील सिटी सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बोकारो स्टील सिटी, फुस्रो, चंद्रपुर, गुमिया, तेनु बांध-सह-कथरा इस जिले के शहर प्रमुख शहरों और दूरस्थ गांवों के लिए सड़क कनेक्टिविटी रखते हैं। बोकारो स्टील सिटी रोड से रांची (झारखंड की राजधानी) तक लगभग 112 किलोमीटर है
रेल वाहक
बोकारो में प्रमुख रेल मार्ग स्टेशन बोकारो स्टल सिटी है जो भारत के अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों और रेलवे स्टेशन से जुड़ता है
जिले में रेलवे स्टेशनों में से कुछ चंद्रपुर, पुंडग, राधागांव, फुस्रो, गुमिया, बरमो, बोकारो थर्मल, भंडारीदाह .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
बोकारो जिला मानचित्र। धनबाद जिले, पुरुलिया जिला, गिरिडीह जिला से घिरा हुआ।
धनबाद जिले, पुरुलिया जिला, गिरिडीह जिला से घिरा हुआ। मेमोरियल स्मारक बोकारो इस्पात संयंत्र क्लासिक और इडबी, सिटी सेंटर जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर 4 कूलिंग तालाब राष्ट्रपति महात्मा गांधी मूर्ति
बोकारो जिले में पिन कोड
825102 (ढोरी), 827010 (बीएससीटी आरएस), 827012 (मारफारी कॉलोनी), 829114 (जारिदीह बाज़ार), 828404 (दुग्धा कोयला वॉशरी), 827014 (बलिदीह), 829127 (रविवार बाजार), 82914 9 (टीटीपीएस लल्पनिया), 827004 ( सेक्टर -4), 827006 (सेक्टर -6), 829112 (आईईजीओएमआई), 827011 (बीएससीटी प्लांट), 828303 (भोजुडिह), 829107 (बोकारो थर्मल), 829113 (जारंगदीह कोलीरी), 829144 (फुस्रो बाज़ार), 828403 ( चंद्रपुर), 829123 (तेनुघाट बांध), 827013 (गर्ग चेक चेक), 828134 (चंदन कीरिया),
 
शहरों के नजदीक
बोकारो स्टील सिटी 3 किलोमीटर निकट है
चंद्रपुर 9 किमी निकट
फूसो 22 किलोमीटर निकट है
गोमो 22 किलोमीटर निकट है
 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 107 किलोमीटर दूर है
गया हवाई अड्डा 1 9 1 किमी निकट
पटना हवाई अड्डे 266 किलोमीटर निकट है
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 2 9 0 किलोमीटर दूर है
 
जिलों के पास
बोकारो 0 किलोमीटर निकट है
धनबाद 32 किमी निकट
पुरुलिया 50 किलोमीटर निकट है
गिरिडीह 64 किलोमीटर निकट है
 
रेलवे स्टेशन के पास
जननिअटना  रेल वे स्टेशन 8.8 किमी निकट
डुग्डा रेल वे स्टेशन 9.0 किमी निकट
चंद्रपुर रेलवे स्टेशन 9 किलोमीटर दूर है
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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