बाबा आमटे समाज सेवी सम्मान पत्र

नाम : सेवक मौर्य (समाज सेवक)
पद : लोकगीत एवं भजन सम्राट
मो : 96704 24125
निवास : भेड़िया/चेरों
नगर : सलेमपुर
ज़िला : देवरिया
राज्य : उत्तर प्रदेश
सम्मान पत्र :
प्रमाणित किया जाता है की राम सेवक मौर्य द्वारा सामाजिक कार्यों हेतु दिए गए डोनेशन से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा गांव-मेरी पहचान, तिरंगा मेरी शान फोटो परियोजना में उक्त पंचायत के नागरिकों को संस्था द्वारा 45 पासपोर्ट साइज़ फोटो,नववर्ष कैलेंडर तिरंगा सहित  निशुल्क उपलब्ध कराकर आर्थिक विकास में सहयोग कर राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत की गयी हैं, लोकगीत/भजन सम्राट द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र/ ग्रामीण परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
बाबा आम्टे समाज सेवी सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, नागरिकों को संस्था के माध्यम से आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
Name : Sewak Mourya 
Designation: Social worker (Lokgeet Bhajan Samrat)
Mobail No : 96704 24125
Locality Name : Bhediya Tola 
Panchayt Name : Chero
Block Name : Salempur
District : Deoria
State : Uttar Pradesh
Division : Gorakhpur
Language : Hindi and Urdu, Bhojpuri
Current Time 10:02 AM
Date: Sunday , Oct 20,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05566
Vehicle Registration Number:UP-52 
RTO Office : Deoria
Assembly constituency : Salempur assembly constituency
Assembly MLA : 
Lok Sabha constituency : Salempur parliamentary constituency
Parliament MP : RAVINDER KUSHWAHA
Serpanch Name : 
Pin Code : 274509
Post Office Name : Salaempur
 
 भेडिया टोला/ चेरो के बारे में
भेडिया टोला/ चेरो उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के देवरिया जिले के सलेमपुर ब्लॉक में एक छोटा सा गाँव / गाँव है। यह चेरो पंचायत के अंतर्गत आता है। यह गोरखपुर मंडल का है। यह जिला मुख्यालय देवरिया से दक्षिण की ओर 30 KM की दूरी पर स्थित है। सलेमपुर से 5 कि.मी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 347 कि.मी.
 
भेडिया टोला पिन कोड 274509 है और डाक प्रधान कार्यालय सलामपुर है।
 
भेडिया टोला भागलपुर ब्लॉक से दक्षिण की ओर, लोर ब्लॉक पूर्व की ओर, पश्चिम की ओर भलुअनी ब्लॉक, उत्तर से भटनी ब्लॉक से घिरा हुआ है।
 
लार, देवरिया, रुद्रपुर, अडारी शहर के निकट भेडिया टोला हैं।
 
यह स्थान देवरिया जिले और सीवान जिले की सीमा में है। सिवान जिला गुठनी इस जगह की ओर पूर्व की ओर है। यह बिहार राज्य सीमा के निकट है।
भेडिया टोला की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है।
भेडिया टोला में राजनीति
भाजपा, जद, सपा, बसपा इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 (Manbodh सपा 47,884 = 16,158 विजयलक्ष्मी भाजपा 31,726
2007 चौधरी फसीहा वसीर एसपी 34844 = 9795 मार्गूब अहमद बीएसपी 25049
2002 फसीहा मुराद लारी उर्फ ​​गजाला बीएसपी 41524 = 4034 शांति यादव एसपी 37490
1996 मुराद लारी बीएसपी 37117 = 6077 स्वामी नाथ यादव जेडी  31040
1993 आनंद यादव बीएसपी 43323 = 9168 राम देव सिंह बीजेपी 34155
1991 स्वामी नाथ यादव जेडी 26143 = 4723 अनिरुद्ध मिश्रा बीजेपी 21420
1989 सुरेश यादव JD 45277 = 29298 आनंद यादव BSP 15979
1985 अवधेश प्रताप मल्ल इंक 26446 = 10834 सुरेश एलकेडी 15612
1980 दुर्गा प्रसाद मिश्रा भाजपा 13039 = 1190 हरिकेवल JNP (JP) 11849
1977  हरि केवल प्रसाद जेएनपी 32805 = 8921 अवधेश प्रताप मल्ल कांग्रेस 23884
1974  हरि केवाल एसओपी 22037 = 2956 अवधेश प्रताप मॉल कांग्रेस19081
1969 शेओ बचन कांग्रेस 18236 = 3077 हरिकेवल प्रसाद एसएसपी 15159
1967 ए। पी। माल इंक 15674 = 334 एच केवाल एसएसपी 15340
 
कैसे भेडिया टोला पहुंचें
रेल द्वारा
देवरहा बाबा रोड रेल मार्ग स्टेशन, सलेमपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन, भेडिया टोला के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
 
शहरों के पास
लार्ज 15 के.एम.
देवरिया 28 KM 
रुद्रपुर 34 KM
अदरी 47 KM
 
तालुकों के पास
सलेमपुर 5 KM 
भागलपुर 6 KM 
लार्ज 15 के.एम.
भलुअनी 16 KM 
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 74 KM 
वाराणसी एयरपोर्ट 154 KM 
पटना एयरपोर्ट 161 KM 
गया एयरपोर्ट 227 KM 
 
पर्यटक स्थलों के पास
कुशीनगर 56 KM 
गोरखपुर 79 KM 
लौरिया नंदनगढ़ 104 KM 
केसरिया 112 किलोमीटर 
बुद्ध स्तूप 112 किलोमीटर 
 
जिले के पास
देवरिया 29 KM 
सीवान 53 कि.मी.
मऊ 56 KM 
कुशीनगर 57 किलोमीटर
 
रेल्वे स्टेशन के पास
देवरहा बाबा रोड रेल मार्ग स्टेशन 1.9 KM
सलेमपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 6.2 किलोमीटर 
सतराओं रेल मार्ग स्टेशन 7.2 KM 
लार रोड रेल मार्ग स्टेशन 10 KM 
 
 
समाजसेवी बाबा आमटे की जीवनी
बाबा आमटे – Baba Amte का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था। उनका परिवार धनि था। उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट ऑफिसर थे, उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और रेवेन्यु कलेक्शन की जिम्मेदारियाँ दे रखी थी। बचपन में ही मुरलीधर को अपना उपनाम बाबा दिया गया था।
उन्हें बाबा इसलिए नही कहा जाता था की वे कोई संत या महात्मा थे, बल्कि उन्हें इसलिए बाबा कहा जाता था क्योकि उनके माता-पिता ही उन्हें इस नाम से पुकारते थे।
एक धनि परिवार के बड़े बेटे होते हुए मुरलीधर का बचपन काफी रमणीय था। समय के साथ-साथ वे भी चौदह साल के हुए और उन्होंने अपनी खुद की गन (बंदूक) ले ली और उससे वे सूअर और हिरन का शिकार किया करते थे। जब वे गाड़ी चलाने जितने बड़े हुए तब उन्हें एक स्पोर्ट कार दी गयी थी जिसे चीते की चमड़ी से ढका गया था। उन्हें कभी निचली जाती के बच्चो के साथ खेलने से नही रोका गया था। बचपन से ही उन्हें जातिभेद में भरोसा नही था, वे सभी को एक समान मानते थे और हमेशा से कहते थे की उनका परिवार इस सामाजिक भेदभावो को नही मानता।
समर्पित कार्य –
कानून विषय पर उन्होंने वर्धा में खास अभ्यास कर रखा था, जल्द ही वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हो गए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाने में लग गए और भारतीय स्वतंत्रता नेताओ के लिए वे बचावपक्ष वकील का काम करते थे,
1942 के भारत छोडो आन्दोलन में जिन भारतीय नेताओ को ब्रिटिश सरकार ने कारावास में डाला था उन सभी नेताओ का बचाव बाबा आमटे ने किया था। इसके बाद थोडा समय उन्होंने महात्मा गाँधी के सेवाग्राम आश्रम में बिताया और गांधीवाद के अनुयायी बने रहे। इसके बाद जीवन भर वे गांधी विचारो पर चलते रहे, जिसमे चरखे से उन की कटाई करना और खादी कपडे पहनना भी शामिल है। जब गांधीजी को पता चला की आमटे ने ब्रिटिश सैनिको से एक लड़की की जान बचायी है तो गांधीजी ने आमटे को “अभय साधक” का नाम दिया।
उस दिनों कुष्ट रूप समाज में तेज़ी से फ़ैल रहा था और बहोत से लोग इस बीमारी से जूझ रहे थे। लोगो में ऐसी ग़लतफ़हमी भी फ़ैल गयी थी की यह बीमारी जानलेवा है। लकिन आमटे ने लोगो की इस ग़लतफ़हमी को दूर किया और कुष्ट रोग से प्रभावित मरीज के इलाज की उन्होंने काफी कोशिशे भी की। बल्कि ये भी कहा जाता था की कुष्ट रोग से ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति में भी यह बीमारी फ़ैल सकती है लेकिन फिर भी इन सभी बातो पर ध्यान न देते हुए उन्होंने हमेशा कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो की सेवा की और उन का इलाज भी करवाया।
आमटे ने गरीबो की सेवा और उनके सशक्तिकरण और उनके इलाज के लिए भारत के महाराष्ट्र में तीन आश्रम की स्थापना की। 15 अगस्त 1949 को उन्होंने आनंदवन में एक पेड़ के निचे अस्पताल की शुरुवात भी की। 1973 में आमटे ने गडचिरोली जिले के मदिया गोंड समुदाय के लोगो की सहायता के लिए लोक बिरादरी प्रकल्प की स्थापना भी की थी।
Baba Amte ने अपने जीवन को बहुत से सामाजिक कार्यो में न्योछावर किया, इनमे मुख्य रूप से लोगो में सामाजिक एकता की भावना को जागृत करना, जानवरों का शिकार करने से लोगो को रोकना और नर्मदा बचाओ आन्दोलन शामिल है। उनके कार्यो को देखते हुए 1971 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवार के सदस्यों का समर्पित कार्य –
आमटे का विवाह इंदु घुले (साधना आमटे) से हुआ था। उनकी पत्नी भी उनके साथ सामाजिक कार्यो में भाग लेती थी और कदम से कदम मिलाकर जनसेवा करती थी। उनके दो बेटे डॉ. विकास आमटे और डॉ. प्रकाश आमटे और दो बहु डॉ. मंदाकिनी और डॉ. भारती है, सभी डॉक्टर है। इन चारो ने हमेशा सामाजिक कार्यो में अपना योगदान दिया और हमेशा वे अपने पिता के नक्शेकदम पर ही चलते रहे।
उनका बेटा डॉ. प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले के हेमलकसा ग्राम में मदिया गोंड समुदाय के लोगो के लिए एक स्कूल और एक अस्पताल चलाते थे। प्रकाश आमटे से विवाह करने के बाद मंदाकिनी आमटे ने गवर्नमेंट मेडिकल जॉब छोड़ दिया और अस्पताल और स्कूल चलाने के लिए हेमलकसा चली गयी थी और साथ ही जंगलो में घायल हुए जानवरों का इलाज भी करती थी।
उनके दो बेटे है, पहला बेटा दिगंत, डॉक्टर है और दूसरा बेटा अनिकेत एक इंजिनियर है। इन दोनों ने भी कई सामाजिक कार्य किये है। 2008 में प्रकाश और मंदानिकी के सामाजिक कार्यो को देखते हुए उन्हें मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
Baba Amte का बड़ा बेटा विकास आमटे और उनकी पत्नी भारती आमटे आनंदवन में एक अस्पताल चलाते है और कई ऑपरेशन भी करते है।
वर्तमान में आनंदवन और हेमलकसा ग्राम में एक-एक ही अस्पताल है। आनंदवन में एक यूनिवर्सिटी, एक अनाथाश्रय और अंधो और गरीबो के लिए एक स्कूल भी है। आज स्व-संचालित आनंदवन आश्रम में तक़रीबन 5000 लोग रहते है। महाराष्ट्र के आनंदवन का सामाजिक विकास प्रोजेक्ट आज पुरे विश्व तक पहुच चूका है। आनंदवन के बाद आमटे ने कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो के इलाज के लिए सोमनाथ और अशोकवन आश्रम की भी स्थापना की थी।
मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन –
1990 में मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन करने के लिए उन्होंने आनंदवन छोड़ दिया था। जिसमे नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बनाने के लिए वे संघर्ष कर रहे थे और स्थानिक लोगो द्वारा नर्मदा नदी के तट पर की जा रही गन्दगी की रोकने की कोशिश भी कर रहे थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान समाज सुधारक बाबा आमटे के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी