राज्य सरकार योजना

झारखण्ड प्रदेश सरकार

 

 

पदधारी : झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री


कल्पित कार्यभार ग्रहण: 29 दिसंबर 2019

राज्यपाल : द्रौपदी मुर्मू, रमेश बैसो

पूर्व मुख्य मंत्री : रघुबर दास

कार्यालय : 13 जुलाई 2013 - 28 दिसंबर 2014

राज्यपाल : सैयद अहमद


नेता प्रतिपक्ष,

झारखंड विधान सभा

कार्यालय : 7 जनवरी 2015 - 28 दिसंबर 2019

राज्यपाल : सैयद अहमद, द्रौपदी मुर्मू

मुख्यमंत्री रघुवर दास


झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष

पदधारी: 13 जुलाई 2013


व्यक्तिगत विवरण

जन्म : 10 अगस्त 1975 (उम्र 46)

नेमारा, रामगढ़, बिहार (अब झारखंड में) India

राष्ट्रीयता : भारतीय

राजनीतिक दल : झारखंड मुक्ति मोर्चा

जीवनसाथी : कल्पना सोरेन

संबंध : बसंत सोरेन (भाई)

बच्चे : 2

माता - पिता : शिबू सोरेन (पिता)

वेबसाइट cm.jharkhand.gov.in

 

 

जीवनी (Biography)

 

हेमंत सोरेन (जन्म 10 अगस्त 1975) झारखंड के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले, उन्होंने जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया था। वह झारखंड में एक राजनीतिक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं।

 

प्रारंभिक जीवन

 

सोरेन का जन्म बिहार (अब झारखंड में) के रामगढ़ जिले के नेमारा में रूपी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के घर हुआ था। हेमंत के दो भाई और एक बहन है। उनकी शैक्षणिक योग्यता पटना हाई स्कूल, पटना, बिहार से इंटरमीडिएट है। [4] चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार, हेमंत ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीआईटी मेसरा, रांची में दाखिला लिया, लेकिन बाहर हो गए।

 

आजीविका (Carrer )

 

वे 24 जून 2009 से 4 जनवरी 2010 तक राज्य सभा के सदस्य रहे। उन्होंने 23 दिसंबर 2009 को विधान सभा (एमएलए) के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। बाद में, वे 11 सितंबर 2010 को 8 जनवरी 2013 तक झारखंड के डिप्टी सीएम बने।

 

मुख्यमंत्री के रूप में

 

राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस और राजद के समर्थन से 15 जुलाई 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्हें दिसंबर 2019 में फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया, और 29 दिसंबर को शपथ ली।

 
 

विपक्ष के नेता के रूप में

 

2016 में, झारखंड में भाजपा सरकार ने छोटा नागपुर टेनेंसी एक्ट और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट में संशोधन करने की कोशिश की, जो आदिवासी भूमि के मालिकों और किरायेदारों को गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति देगा और दूसरा सड़कों के निर्माण के लिए आदिवासी भूमि के हस्तांतरण की अनुमति देगा। , नहरें, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, और अन्य "सरकारी उद्देश्य"। इसके कारण राज्य में भारी विरोध हुआ और हेमंत ने इन संशोधनों का कड़ा विरोध किया।

 

सीएम रघुबर दास ने 2017 में हेमंत को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित किया था, लेकिन हेमंत ने शिखर सम्मेलन को "जमीन हथियाने वालों का महा चिंतन शिविर" कहा और दावा किया कि यह आदिवासियों, मूलवासियों और राज्य के किसानों की जमीन को लूटने के लिए आयोजित किया जा रहा है। 

 

अक्टूबर 2017 में, उन्होंने 11 वर्षीय लड़की संतोषी कुमारी की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी, जो सिमडेगा में कथित तौर पर भूख से मर गई थी क्योंकि जुलाई से परिवार को राशन नहीं दिया गया था क्योंकि उनके बैंक खाते में आधार संख्या नहीं थी। सोरेन ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने कहा, उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन परिवारों के नाम हटाने के लिए एक आदेश पारित किया था, जिन्होंने अपने राशन कार्ड को अपने आधार नंबर से लिंक नहीं किया था। 

 

वह पीडीएस में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के मुखर विरोधक रहे हैं और हाल ही में, उन्होंने इस बात पर अपनी चिंता व्यक्त की कि कैसे इस योजना ने जबरदस्त पीड़ा और अन्याय किया है। अप्रैल 2018 में, हेमंत सोरेन और उनके पिता शिबू सोरेन के नेतृत्व में एक झामुमो प्रतिनिधिमंडल ने माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी को कमजोर करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया और झारखंड द्वारा एलएआरआर विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव रखा।

 

मार्च 2018 में, हेमंत सोरेन ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात की कि देश में एक संभावित गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपा मोर्चा बनाया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में भी भाग लिया, जहां एजेंडा 2019 के आम चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ एक व्यापक मोर्चे पर चर्चा करना था।

 

वह बिहार के नक्शेकदम पर झारखंड में शराब पर प्रतिबंध लगाने के आह्वान का समर्थन करते हैं। राज्य में शराब की खुदरा दुकानों के प्रवेश के जवाब में, उन्होंने कहा, "अब सरकार गांवों में शराब की दुकानें खोलेगी, जिसका प्रभाव अंततः झारखंड में गरीब आदिवासियों के जीवन पर पड़ेगा। मैं राज्य के ग्रामीण निवासियों से शराब की अनुमति नहीं देने की अपील करता हूं। उनके गांवों में आउटलेट।" उन्होंने कहा कि सरकार के शराब अभियान के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए महिला संगठनों को आगे आना होगा 

 

मुख्यमंत्री 2019

 

29 दिसंबर 2019 को, 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन की जीत के बाद, हेमंत सोरेन ने कांग्रेस नेताओं आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव के साथ झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता अकेले थे।

 
 

पुरस्कार और सम्मान

 

झारखंड राज्य में दुमका और बरहेट निर्वाचन क्षेत्र के लिए उनके असाधारण कार्य के लिए सोरेन को 2019 में चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा 20 जनवरी 2020 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में प्रदान किया गया।

 

व्यक्तिगत जीवन

 

सोरेन की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं। उनका एक छोटा भाई, बसंत सोरेन और एक बहन, अंजलि है। वह उन्नीसवीं सदी के आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा के प्रबल अनुयायी हैं, और उनके साहस और वीरता से प्रेरणा लेते हैं।

पश्चिम बंगाल प्रदेश सरकार

ममता बनर्जी 
মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়
 

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
20 मई 2011
राज्यपाल एम.के. नारायणन
पूर्वा धिकारी बुद्धदेव भट्टाचार्य

पद बहाल
22 मई 2009 – 19 मई 2011
पूर्वा धिकारी लालू प्रसाद यादव
उत्तरा धिकारी मनमोहन सिंह

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
1991
पूर्वा धिकारी Biplab Dasgupta

जन्म 5 जनवरी 1955 (आयु 63)
कोलकाता, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1970–1997) 
सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस 
(1997–वर्तमान)
जीवन संगी अविवाहित
निवास हरीश चटर्जी स्ट्रीट, कोलकाता, भारत
शैक्षिक सम्बद्धता कलकत्ता विश्वविद्यालय
पेशा राजनेता
वकील
समाजसेविका
धर्म हिन्दू
हस्ताक्षर ममता बनर्जी\'s signature

ममता बनर्जी (बांग्लाমমতা বন্দ্যোপাধ্যায়, जन्म: जनवरी 5, 1955) भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री एवं राजनैतिक दल तृणमूल कांग्रेसकी प्रमुख हैं। उनके अनुयायियों उन्हें दीदी (बड़ी बहन) के नाम से संबोधित करते हैं।

जीवन

बनर्जी का जन्म कोलकाता में गायत्री एवं प्रोमलेश्वर के यहां हुआ। उन्होंने बसंती देवी कॉलेज से स्नातक पूरा किया एवं जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की।

संगीत एलबम

2018 मे उन्होंने दुर्गा पूजा पर आधारित अपने एलबम \' रौद्रर छाया \' केे लिए सात गीत कंपोज किए हैं।

 

उत्तर प्रदेश सरकार

योगी आदित्यनाथ

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
19 मार्च 2017
पूर्वा धिकारी अखिलेश यादव
चुनाव-क्षेत्र उत्तर प्रदेश विधान परिषद्

कार्यकाल
1998 - 2017
पूर्वा धिकारी महन्त अवैद्यनाथ
उत्तरा धिकारी प्रवीण कुमार निषाद
चुनाव-क्षेत्र गोरखपुर

जन्म 5 जून 1972 (आयु 46)
पंचुर, पौड़ी गढ़वालउत्तराखण्ड
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
निवास गोरखनाथ मठगोरखपुर
धर्म हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय)
जालस्थल www.yogiadityanath.in

प्रारंभिक जीवन

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश; देखें: उत्तर प्रदेश का विभाजन) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ।[4] इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे,[5] तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।[6]

इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगरके हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। [6] 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए[7] एवं गोरखपुर प्रवास के दौरान ही ये महंत अवैद्यनाथ के संपर्क में आए थे जो इनके पड़ोस के गांव के निवासी और परिवार के पुराने परिचित थे। अंततः ये महंत की शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली।[6] 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।[2][4]

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।[7]

राजनैतिक जीवन

सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी।[4][7] वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।

अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।[4]

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।[2][4]

भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध

आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं।[8] इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।[4]

लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन

योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए।[9] इन्होंने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।

UTTRAKHAND PRADESH

 

 

उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री : अवलंबी

पदभार ग्रहण : 4 जुलाई 2021

राज्यपाल: बेबी रानी मौर्य, गुरमीत सिंह

पूर्ववर्ती : तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड विधानसभा के सदस्य: अवलंबी

कल्पित कार्यभार ग्रहण

2012

निर्वाचन क्षेत्र: खटीमा

 

व्यक्तिगत विवरण

जन्म : 16 सितंबर 1975 (उम्र 46)

पिथौरागढ़, उत्तराखंड, भारत

राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी

जीवनसाथी : गीता धामी

संतान; 2 बेटे

निवास: खटीमा, उधम सिंह नगर

शिक्षा: स्नातकोत्तर (एमएचआरएम और आईआर) एलएलबी, लोक प्रशासन में डिप्लोमा

अल्मा मेटर यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ

वेबसाइट: www.pushkarsinghdami.in

 

उत्तराखंड के 11 वे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी है। उत्तराखंड के युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी।

 

जन्म तिथि: १६ सितंबर १९७५

जन्म स्थान: कनालीछीना, पिथौरागढ़, उत्तराखंड

कर्म स्थान: खटीमा, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड

 

परिवार

पिता: शेर सिंह धामी (पूर्व सैनिक)

माता: श्रीमती बिशना देवी

पत्नी: श्रीमती गीता धामी

पुत्र : दिवाकर , प्रभाकर

 

शैक्षणिक जीवन

लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नानकोत्तर, मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध (MHRM & IR) स्नातक (BA),वकालत (LLB), डीपीए (डिप्लोमा इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन)

 

सामाजिक जीवन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग प्रशिक्षित स्वयंसेवक , संघ आयु - ३२ वर्ष विश्वविद्यालय स्तर(लखनऊ विश्वविद्यालय) से प्रांतीय स्तर(अवध प्रांत) तक दायित्ववान कार्यकर्त्ता, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (१० वर्ष), कार्य क्षेत्र - उत्तर प्रदेश

 

राजनीतिक जीवन

प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता युवा मोर्चा,उत्तराखंड (लगातार दो बार २००२ से २००८ तक)

 

विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री,उत्तराखंड(2001-2002 )

 

राज्यमंत्री (दर्जाप्राप्त) शहरी अनुश्रवण समिति, उत्तराखंड (2010-2012 )

 

प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी,उत्तराखंड (२०१६ से अब तक) वर्तमान मै 11 वे व युवा मुख्यमंत्री है ।

 

विधायक खटीमा,उत्तराखंड (2012-2017)

 

विधायक खटीमा,उत्तराखंड (2017-2022 )

 

सामाजिक व राजनीतिक उद्देश्य अंत्योदय उत्तराखण्ड के अंतिम छोर में खड़े हुए हर उत्तराखंडी को बुनियादी सुविधायें मिल सकें ।

 

 

उत्तराखंड बने सिरमौर देवभूमि उत्तराखंड भारतवर्ष में विकास के समस्त मानकों के आधार पर नंबर 1 राज्य बने ।

 

TRIPURA PRADESH

बिप्लब कुमार देब

 

बिप्लब कुमार देब 

पदस्थ : त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री

कार्यालय ग्रहण : 9 मार्च 2018

राज्यपालतथागत रॉय

पूर्वा धिकारी : माणिक सरकार

जन्म : उदयपुर, त्रिपुरा, भारत

राजनीतिक दल: भारतीय जनता पार्टी

जीवन संगी : नीति देब

बच्चे: 1 पुत्र तथा पुत्री

 

बिप्लब कुमार देब (जन्म 25 नवम्बर 1969) भारतीय राज्य त्रिपुरा के राजनीतिज्ञ हैं। वें 7 जनवरी 2016 से त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे 2018 में हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा के जीत के सूत्रधार हैं। उन्होंने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली।

 

शुरूआती जीवन व शिक्षा

बिप्लब देब का जन्म त्रिपुरा के राजधर नगर गाँव में हुआ था, जो कि वर्तमान में गोमती जिले के अन्तर्गत आता है। इनके अभिभावक बांग्लादेश के कचुय़ा उपज़िला से हैं। उन्होंने बचपन व विद्यालयी शिक्षा के दिन त्रिपुरा में बिताये तथा उदयपुर कॉलेज से स्नातक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद परास्नातक की शिक्षा के लिये वह नई दिल्ली आ गये। वह 15 साल बाद उन्होंने त्रिपुरा में वापसी की। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व स्वयंसेवक भी रह चुके हैं और पूर्व में त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वशासी जिला परिषद के चुनावों में भाजपा के लिये प्रचार भी कर चुके हैं।

 

राजनैतिक जीवन

नई दिल्ली में प्रवास के दौरान उन्होंने भाजपा के पूर्व नेता के॰ एन॰ गोविन्दाचार्य के निजी सचिव के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी की पूर्व सांसद और वाजपेयी सरकार में खान और खनिज राज्य मंत्री रहीं रीता बर्मा के निजी सहायक के रूप में भी काम किया। वे मध्य प्रदेश के सतना से सांसद गणेश सिंह के सहायक भी रहें।

 

भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2015 में राज्य में महासंपर्क अभियान के प्रदेश संयोजक के तौर पर त्रिपुरा भेजा। फरवरी 2016 में उन्हें त्रिपुरा का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। 8 अगस्त 2017 को देब ने सुदीप राय बर्मन के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में लाने में मदद की।

 

2018 में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में बिप्लब कुमार देब ने बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र में माकपा के अमल चक्रवर्ती को 9549 वोट के अंतर से पराजित किया।

 

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री

9 मार्च 2018 को बिप्लब कुमार देब ने त्रिपुरा के दसवें मुख्यमन्त्री के रूप में शपथ ली।

 

निजी जीवन

बिप्लब देब की पत्नी नीति देब भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी हैं, उनके दो बच्चे हैं जिसमे एक बेटा तथा एक बेटी है।

TELANGANA PRADESH

केल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री )

केल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री )

 

पदस्थ - पहले और दूसरे तेलंगाना के मुख्यमंत्री

कार्यालय ग्रहण - 2 जून 2014

पूर्वा धिकारी - पद सृजन

जन्म - 17 फ़रवरी 1953 (आयु 69)

चिंतामदका, मेदक, तेलंगाना

 

जन्म का नाम - कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव

राष्ट्रीयता- भारत

जीवन संगी - कल्वाकुंतला शोभा

बच्चे- केटी राम राव (पुत्र) एवं कविता (पुत्री)

निवास - हैदराबाद

धर्म - हिंदू

 

जन्म - 17 फरवरी 1954 (उम्र 68)

चिंतामदका हैदराबाद राज्य, (वर्तमान तेलंगाना) भारत

राजनीतिक दल - भारत राष्ट्र समिति (2001 से)

 

अन्य राजनीतिक दल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1980-1983)

तेलुगु देशम पार्टी (1983-2001)

 

 

व्यक्तिगत जीवन

के॰ चंद्रशेखर राव का विवाह शोभा से हुआ और उनके दो बच्चे हैं। उनके बेटे, केटी राम राव, सरसिला राजन्ना जिला, (तेलंगाना के करीमनगर जिले) के एक विधायक हैं और आईटी, नगर प्रशासन और शहरी विकास विभागों के लिए कैबिनेट मंत्री हैं। उनकी बेटी, कलककुंटला कविता, निजामाबाद, तेलंगाना से एक एमपी है। उनके भतीजे, हरीश राव, सिद्धिपेट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं और अब तेलंगाना सरकार में सिंचाई, विधान मामलों और विपणन के लिए कैबिनेट मंत्री हैं। केसीआर में 9 बहनें और 1 बड़े भाई हैं। वह हैदराबाद शहर में आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास, प्रगति भवन में अपने परिवार के साथ रहता है।

 

राजनीतिक जीवन

 

के. चंद्रशेखर राव ने 28 नवंबर 2004 को नई दिल्ली में श्रम और रोजगार मंत्री का पद ग्रहण किया

के चंद्रशेखर राव ने एक छात्र नेता के रूप में राजनीतिक जीवन शुरू किया। इससे पहले वे एक रोजगार सलाहकार थे, जो कामगारों को खाड़ी देशों में भेजते थे। 1985 में वे तेलुगु देशम पार्टी में शामिल थे और विधायक चुने गए। 1987-88 तक वे आंध्रप्रदेश में राज्यमंत्री रहे। 1992-93 तक वे लोक उपक्रम समिति के अध्यक्ष रहे। 1997-99 तक वे केंद्रीय मंत्री रहे। 1999 से 2001 तक वे आंध्रप्रदेश विधानसभा में उपाध्यक्ष रहे। इस पद से इस्तीफा देने के बाद तेलगू देशम से बाहर आ गए और एकसूत्रीय एजेंडा के तहत तेलंगाना राष्ट्र समिति की स्थापना की। 2004 में वे करीमनगर से लोकसभा सदस्य चुने गए।  2004-06 तक उन्होंने केंद्रीय श्रम और नियोजन मंत्री के पद पर कार्य किया। 2006 में उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और फिर भारी बहुमत से सांसद चुने गए। 2008 में उन्होंने अपने तीन सांसदों और 16 विधायकों के साथ फिर इस्तीफा दिया और दूसरी बार सांसद चुने गए।

 

 

2017 में हैदराबाद मेट्रो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ के॰ चंद्रशेखर राव

केसीआर का मुख्य उद्देश्य अलग तेलंगाना की स्थापना है। केसीआर के मुख्य सहयोगियों में उनके पुत्र तारक रामाराव (टीएसआर महासचिव) और भतीजा टी हरीश राव (विधायक) हैं। उनतीस नवंबर को उन्होंने अलग तेलंगाना के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा के बाद पुलिस ने उन्हें करीमनगर में गिरफ्तार कर लिया। उनके समर्थक विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 2 जून 2014 को पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री बने।

TAMILNADU PRADESH

एम॰ के॰ स्टालिन மு.க. ஸ்டாலின்

 

एम॰ के॰ स्टालिन

மு.க. ஸ்டாலின்

 

जन्म = 1 मार्च 1953 (आयु 69)

भारांग: 10 फाल्गुन 1974

मद्रास, मद्रास प्रांत, भारत

 

राजनीतिक दल = द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम

जीवन संगी = दुर्गा

बच्चे= उदयनिधि स्टलिन , सेन्थराई सुबरिशन

निवास = चेन्नई, तमिलनाडु, India

 

जीवन परिचय

स्टालिन का जन्म मद्रास में हुआ था, जिसे अब चेन्नई के रूप में जाना जाता है। उनका राजनीतिक करियर 14 वर्ष की आयु में 1967 के चुनावों में प्रचार के साथ शुरू हुआ था। 1973 में स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) की आम समिति में निर्वाचित किया गया था।

 

वे उस समय सुर्खियों में आए जब उन्हें आपातकाल का विरोध करने के लिए आन्तरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में बन्द कर दिया गया था। स्टालिन 1989 के बाद से तमिलनाडु विधानसभा के लिए चेन्नई के थाउजेंड लाइट्स निर्वाचन क्षेत्र से चार बार चुने गए हैं। स्टालिन 1996 में इस नगर के पहले सीधे तौर पर निर्वाचित मेयर बने थे।

 

राजनीतिक जीवन

2001 में स्टालिन एक बार फिर से मेयर चुने गए, हालाँकि उसके बाद तत्कालीन मुख्यमन्त्री जे॰ जयललिता ने तमिलनाडु नगर कानून (संशोधन) अधिनियम, 2002 को अधिनियमित किया था। यह एक ऐसा कानून है जो एक व्यक्ति को सरकार में दो निर्वाचित पद रखने से रोकता है। इस कानून को पूर्वव्यापी रूप से स्टालिन के मामले पर लागू किया गया था (वे एक निर्वाचित विधायक थे) जिसे व्यापक रूप से उन्हें चेन्नई के मेयर पद से हटाने के उद्देश्य से उठाये गए कदम के रूप में देखा गया था। हालाँकि मद्रास उच्च न्यायालय ने इस कानून को यह कहते हुए अप्रभावी करार दिया था कि वैधानिक निकायों को पूर्वव्यापी रूप से लोगों के "मौलिक अधिकारों" को प्रभावित करने वाले कानून बनाने से "रोका" नहीं गया था। हालाँकि अदालत ने यह माना कि मद्रास (अब चेन्नई) सिटी नगर निगम अधिनियम, 1919 के तहत एक व्यक्ति लगातार दो कार्यकालों के लिए मेयर नहीं बन सकता है यद्यपि स्टालिन के विपरीत पहले के मेयर सीधे तौर पर निर्वाचित नहीं हुए थे। स्टालिन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील नहीं की।

 

मुख्‍यमंत्री के रूप में

मीसा जो आतंकवाद और गुण्डा अधिनियम के काफी करीब है, इसके तहत 1975 में पहली बार गिरफ्तार किये जाने के बाद से स्टालिन को विभिन्न सार्वजनिक मुद्दों पर कई बार गिरफ्तार किया गया है और उन्हें पूर्व में गम्भीर शारीरिक दण्ड भी दिया जा चुका है। करुणानिधि को आधी रात को गिरफ्तार किया जाना जिसमें करुणानिधि, स्टालिन, मारान और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर फ्लाईओवर घोटाले का आरोप लगाया गया था। इसे व्यापक रूप से राजनीतिक प्रतिशोध  का कदम समझा गया था क्योंकि एफआईआर या पुलिस में शिकायत शुक्रवार रात को दर्ज कराई गयी थी और गिरफ्तारियाँ इसके कुछ ही घंटों के बाद शनिवार सुबह को की गयी थीं। हालाँकि यह गिरफ्तारी 2001 में हुई थी, अदालत में आरोप पत्र चार साल बाद 2005 में दायर किया गया था।

 

तमिलनाडु में स्टालिन ने 2009 के आम चुनाव में चुनाव प्रचार और अन्ततः डीएमके-गठबन्धन-संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (संप्रग) की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

SIKKIM PRADESH

प्रेम सिंह तमांग

 

 

 

मुख्यमंत्री : प्रेम सिंह तमांग

पदधारी : सिक्किम के छठे मुख्यमंत्री

कल्पित कार्यभार ग्रहण : 27 मई 2019

विधान सभा के सदस्य, सिक्किम विधान सभा

राज्यपाल : गंगा प्रसाद

पूर्व मुख्यमंत्री : पवन कुमार चामलिंग

 

व्यक्तिगत विवरण

जन्म : 5 फरवरी 1968 (उम्र 53)

राष्ट्रीयता: भारतीय

राजनीतिक दल: सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा

अन्य राजनीतिक दल

संबद्धता: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन

बच्चे : आदित्य तमांग (पुत्र)

निवास : सिंगलिंग, सिक्किम, भारत 

अल्मा मेटर: दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज (बीए, 1988)

पेशा : सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक

 

सिक्किम के मुख्यमंत्री, भारत के एक राज्य, सिक्किम सरकार की कार्यकारी शाखा के राज्य के प्रधान मंत्री हैं। सिक्किम विधान सभा के चुनावों के बाद, राज्यपाल आमतौर पर सरकार बनाने के लिए बहुमत वाली पार्टी (या गठबंधन) को आमंत्रित करता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है, जिसकी मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से विधानसभा के लिए जिम्मेदार होती है। यह देखते हुए कि उनके पास विधानसभा का विश्वास है, मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच साल के लिए होता है और इसकी कोई अवधि सीमा नहीं होती है।

 

1974 से सिक्किम में पांच मुख्यमंत्री हो चुके हैं। पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के काजी लेंडुप दोरजी थे। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के पवन कुमार चामलिंग 1994-2019 तक सिक्किम के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने अपने सभी पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक समय तक कार्यालय पर कब्जा किया और वर्तमान में भारत में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की सेवा करने का रिकॉर्ड रखते हैं। पवन कुमार चामलिंग का 24 साल पुराना शासन 2019 के विधानसभा चुनावों में समाप्त हुआ जहां सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा विजयी हुआ। प्रेम सिंह तमांग 27 मई 2019 को मुख्यमंत्री बने।

 

प्रेम सिंह तमांग (जन्म 5 फरवरी 1968), जिन्हें पी.एस. गोले के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय राजनीतिज्ञ और सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के नेता और संस्थापक हैं। पार्टी बनाने से पहले, वह सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) पार्टी के एक प्रमुख सदस्य थे।

 

व्यक्तिगत जीवन

तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को कालू सिंह तमांग और धन माया तमांग के नेपाली परिवार में हुआ था। वह सिंगल बस्टी, पश्चिम सिक्किम के रहने वाले हैं। उन्होंने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 

 स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, उन्होंने एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम किया।  उनके बेटे राजनीतिज्ञ आदित्य तमांग हैं, जो सोरेंग-चाकुंग से सिक्किम विधानसभा के सदस्य भी हैं।

 

राजनीतिक कैरियर

1990 में, उन्हें सिक्किम सरकार में मानव संसाधन विकास विभाग के तहत स्नातक शिक्षक नियुक्त किया गया और 1993 तक सेवा की।

 

सामाजिक कार्य और राजनीति में उनकी सक्रिय रुचि के कारण, उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया। सोरेंग-चाकुंग निर्वाचन क्षेत्र, पश्चिम सिक्किम में एसडीएफ उम्मीदवार के रूप में, वह 1994 में सिक्किम विधान सभा के लिए चुने गए थे। एसडीएफ पार्टी के साथ अपने जुड़ाव के दौरान, उन्होंने राज्य युवा संयोजक और उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

 

सिक्किम सरकार करियर

उन्होंने लगातार तीन बार सिक्किम सरकार में मंत्री की भूमिका निभाई। 1994 से 1999 तक पशुपालन, उपशास्त्रीय और उद्योग विभाग मंत्री के रूप में। 1999 से 2004 तक उद्योग और पशुपालन मंत्री के रूप में। 2004 से 2009 तक भवन और आवास विभाग के मंत्री के रूप में।

 

2009 में, बर्टुक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव जीतने के बाद, उन्हें उद्योग विभाग के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। हालांकि, उन्होंने अध्यक्ष के रूप में काम नहीं किया। अपनी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की स्थापना के बाद, 2014 के दौरान उन्हें बर्टुक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुना गया था।

 

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी

21 दिसंबर 2009 को सिक्किम के कर्मचारियों द्वारा आयोजित रोलू पिकनिक कार्यक्रम के बाद गोले एसडीएफ पार्टी के असंतुष्ट विधायक बन गए। सत्तारूढ़ दल ने रोलू पिकनिक में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस बुलाया।

 

इस घटना के बाद, गोले ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा स्थापित करने का फैसला किया, जिसने एसडीएफ का विरोध किया, 4 फरवरी 2013 को सोरेंग, पश्चिम सिक्किम में। 6 सितंबर 2013 को उन्होंने आधिकारिक तौर पर एसडीएफ पार्टी के सभी कर्तव्यों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम पार्टी के अध्यक्ष बने। 2014 के चुनाव के दौरान, पार्टी ने गोले के नेतृत्व में सिक्किम राज्य विधान सभा में बत्तीस सीटों में से दस सीटें हासिल कीं। कुल मिलाकर, 2014 के चुनाव में, गोले की पार्टी ने सिक्किम में कुल वोटों का 42% साझा किया।

 

13 जनवरी 2017 को, 1994 और 1999 के बीच एसडीएफ के साथ रहते हुए सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए 28 दिसंबर 2016 को दोषी ठहराए जाने के बाद, उन्हें सिक्किम विधान सभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 2017 में, वह सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में सेवारत, सिक्किम के मुख्य विपक्षी नेता बने। 10 अगस्त 2018 को सजा के बाद उनकी रिहाई के दौरान भारी भीड़ देखी गई, जिसे सिक्किम के किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा माना जाता है

 

सिक्किम के मुख्यमंत्री

गोले ने 2019 के विधानसभा चुनावों में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा का नेतृत्व किया और विधानसभा में 32 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की, जिसने अंततः पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 24 साल के शासन को समाप्त कर दिया।  24 मई 2019 को, SKM के प्रवक्ता जैकब खालिंग ने कहा कि गोले राज्य में सरकार का नेतृत्व करेंगे, हालांकि संवैधानिक विशेषज्ञों के अनुसार, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनकी सजा उनके लिए सिक्किम का मुख्यमंत्री बनने में एक बाधा हो सकती है। 

 

27 मई 2019 को, गोले, जिन्होंने विधान सभा चुनाव नहीं लड़ा, ने सिक्किम राज्य के 6वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। गोले ने पोकलोक-कामरंग से कुल वोट शेयर का 84% हासिल करते हुए 10,811 वोटों के साथ जीत हासिल की।

 

अशोक गहलोत , राजस्थान प्रदेश

कल्याण सिंह, राज्यपाल

अशोक गहलोत

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
17 दिसम्बर 2018
राज्यपाल कल्याण सिंह
पूर्वा धिकारी वसुंधरा राजे
चुनाव-क्षेत्र सरदारपुराजोधपुर
पद बहाल
13 दिसम्बर 2008 – 12 दिसम्बर 2013
पूर्वा धिकारी वसुन्धरा राजे सिंधिया
उत्तरा धिकारी वसुन्धरा राजे सिंधिया
पद बहाल
1 दिसम्बर 1998 – 8 दिसम्बर 2003
पूर्वा धिकारी भैरोंसिंह शेखावत
उत्तरा धिकारी वसुन्धरा राजे सिंधिया

पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री
पद बहाल
2 सितम्बर 1982 – 7 फ़रवरी 1984
प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी / राजीव गांधी
पद बहाल
३१ दिसम्बर १९८४ – २६ सितम्बर १९८५
प्रधानमंत्री राजीव गांधी

खेल उप केन्द्रिय मंत्री
पद बहाल
७ फ़रवरी १९८४ – ३१ अक्टूबर १९८४
प्रधानमंत्री राजीव गांधी

केन्द्रीय राज्य मंत्री (कपड़ा) स्वतंत्र प्रभार
पद बहाल
२१ जून १९९१ – १८ जनवरी १९९३
प्रधानमंत्री पी वी नृसिम्हा राव

जन्म ३ मई १९५१
महामंदिरजोधपुर
राजनीतिक दल \\\"Hand भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जीवन संगी सुनीता गहलोत
बच्चे वैभव गहलोत 
सोनिया गहलोत
धर्म हिन्दू
अशोक गहलोत (जन्‍म 3 मई 1951, जोधपुर राजस्‍थानभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता तथा राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री है [1]। लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की। गहलोत का विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत हैं। गहलोत को जादू तथा घूमना-फिरना पसन्‍द हैं 

राजनीतिक पृष्‍ठभूमि

विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय रहे गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्‍व किया।

सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्‍थान विधानसभा के सदस्‍य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए 04/12/2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए 08/12/2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए। 14 वीं राजस्थान विधानसभा मे पुनः निर्वाचित हुए। 15 वीं राजस्थान विधानसभा मे एक बार फिर निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने।

सामाजिक पृष्‍ठभूमि

गरीबों और पिछड़े वर्ग की सेवा को तत्‍पर गहलोत ने पश्चिम बंगाल के बंगाँव और 24 परगना जिलों में वर्ष 1971 में बंग्‍लादेश युद्ध के दौरान आयोजित शरणार्थी शिविरों में काम किया। समाज सेवा में गहरी रूचि रखने वाले गहलोत ने तरूण शान्ति सेना द्वारा सेवाग्राम, वर्धा औरंगाबाद, इन्‍दौर तथा अनेक जगहों पर आयोजित शिविरों में सक्रिय रूप से कार्य किया तथा कच्‍ची बस्‍ती और झुग्‍गी क्षेत्रों के विकास के लिए अपनी सेवाएं दी। नेहरू युवा केन्‍द्र के माध्‍यम से उन्‍होंने प्रौढ शिक्षा के विस्‍तार में उन्‍होंने अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दिया। गहलोत सक्रिय रूप से कुमार साहित्‍य परिषद और राजीव गांधी मेमोरियल बुक-बैंक से जुड़े हुए हैं।

गहलोत भारत सेवा संस्‍थान के संस्‍थापक अध्‍यक्ष भी हैं। यह संस्‍थान समाज सेवा को समर्पित हैं तथा एम्‍बूलेन्‍स सेवा प्रदान करती है। इसके अलावा यह संस्‍थान राजीव गांधी मेमोरियल बुक बैंक के माध्‍यम से गरीब छात्रों के लिए नि:शुल्‍क पुस्‍तकें उपलब्‍ध करवाती है। संस्‍थान ने जोधपुर में राजीव गांधी सेवा सदन में एक वाचनालय भी स्‍थापित किया है। गहलोत राजीव गांधी स्‍टडी सर्किल, नई दिल्‍ली के भी अध्‍यक्ष हैं। यह संस्‍था देशभर के विश्‍वविद्यालय/महाविद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों के हितों की देखभाल करती है।

सदस्‍यता

अशोक गहलोत स्‍वयं को हमेशा जनता के धन ओर सम्‍पत्ति का ट्रस्‍टी मानते हैं। वर्ष 1980 से 1982 के बीच गहलोत पब्लिक एकाउण्‍ट्स कमेटी (लोकसभा) के सदस्‍य रहे। गहलोत संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति (10वीं लोकसभा) के सदस्‍य भी रह चुके हैं। उन्‍होंने रेल मंत्रालय की स्‍थाई समिति (10वीं और 11वीं लोकसभा) के सदस्‍य के रूप में कार्य किया। इसके अलावा गहलोत विदेश मंत्रालय से सम्‍बद्ध सलाहकार समिति (11वीं लोकसभा) के सदस्‍य भी रहे हैं।

मुख्‍यमंत्री राजस्‍थान

01/12/1998 से 08/12/2003 तक राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री रहे। उनका यह कार्यकाल अन्‍य महत्‍वपूर्ण उपलब्धियों के अलावा अभूतपूर्व सूखा प्रबन्‍धन, विद्युत उत्‍पादन, संसाधनों का विकास, रोजगार सृजन, औद्योगिक और पर्यटन विकास, कुशल वित्‍तीय प्रबन्‍धन और सुशासन के लिए जाना जाता है। मुख्‍यमंत्री के रूप में गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान राजस्‍थान में इस सदी का भयंकार अकाल पड़ा। उन्‍होंने अत्‍यन्‍त ही प्रभावी और कुशल ढ़ंग से अकाल प्रबन्‍धन का कार्य किया। उस समय अकाल प्रभावित लोगों के पास इतना अनाज पहुँचाया गया था जितना अनाज ये लोग शायद अपनी फसलों से भी प्राप्‍त नहीं कर सकते थे। प्रतिपक्ष भी खाद्यान्‍न और चारे की अनुपलब्‍धता के सम्‍बन्‍ध में सरकार की तरफ अंगुली तक नहीं उठा सके क्‍योंकि गहलोत ने व्‍यक्तिगत रूप से अकाल राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की थी। गहलोत को गरीब की पीड़ा और उसके दु:ख दर्द की अनुभूति करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने \\\'पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ\\\' का नारा दिया जिसे राज्‍य की जनता ने पूर्ण मनोयोग से अंगीकार किया। अशोक गहलोत को 13 दिसम्‍बर, 2008 को दूसरी बार राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। 8 दिसम्‍बर, 2013 के चुनावी नतीजों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा के दिया।

PUNJAB PRADESH मुख्यमंत्री

भगवंत मान

 

भगवंत मान 

पदस्थ = पंजाब के मुख्यमंत्री

कार्यालय ग्रहण = 16 मार्च 2022

पद बहाल = 16 मई 2014 – 15 मार्च 2022

सांसद, लोक सभा

 

जन्म = 17 अक्टूबर 1973 (आयु 49)

सतौज, संगरूर जिला, पंजाब

जन्म का नाम = जुगनू,(भंता)

राष्ट्रीयता= भारतीय

राजनीतिक दल= आम आदमी पार्टी

पेशा= राजनेता, समाज सेवी, हास्य कलाकार, गायक, अभिनेता

धर्म = जट्ट सिख

 

जीवन परिचय

 

भगवंत का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सतौज गांव में हुआ था । इनके पिता एक अध्यापक थे । भगवंत मान ने अपनी प्राथमिक शिक्षा चीमा गांव के सरकारी स्कूल से प्राप्त की थी। भगवंत मान ने सुनाम के शहीद उधम सिंह महा विध्यालय से वाणिज्य विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी।

 

भगवंत मान ने साल 2011 में राजनीति में एंट्री की थी | राजनीति में आने से पहले भगवंत मान को आपने कई मशहूर कॉमेडी शोज में देखा होगा | वे द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में नजर आए थे | वे पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं |

 

7 जुलाई 2022 को भगवंत मान शादी के बंधन में बंध गये हैं | डॉक्टर गुरप्रीत कौर से उनकी शादी हुई है | यह मान की दूसरी शादी है | पहली पत्नी से उन्होंने 2015 में तलाक लिया था | दिल्ली के सीएम केजरीवाल परिवार समेत शादी में शामिल होने पहुंचे थे | उन्होंने ही शादी में पिता की रस्में अदा कीं | गुरप्रीत कौर भगवंत मान (उम्र 48) से 16 साल छोटी हैं. दोनों की मुलाकात करीब चार साल पहले हुई थी| पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 जुलाई 2022 को अपनी नई पत्नी डॉ गुरप्रीत कौर के साथ अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका। डॉ गुरप्रीत कौर से शादी के बाद मान का यह पहला अमृतसर दौरा था। मान ने स्वर्ण मंदिर में अपनी पत्नी, मां और बहन के साथ मत्था टेका। दो सिख ग्रंथियों ने नव दंपती को प्रसाद दिया, वहीं मान और उनकी पत्नी ने ‘रुमाला साहिब’ भेंट किया। मान (48) पंजाब के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने इस पद पर रहते हुए शादी की है।

 

राजनीतिक करियर

मान मई 2014 से पंजाब के संगरूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं | 2011 की शुरुआत में, मान पंजाब की पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए. 2012 में, उन्होंने लेहरा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. मार्च 2014 में, मान संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने 211,721 मतों से जीत हासिल की | 2019 आम चुनावों में मान को संगरूर से लगातार दूसरी बार जीत मिली. वह लोकसभा में आम आदमी पार्टी के एकमात्र सांसद थे |

 

भगवंत मान ने पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है | उनका यह शपथ ग्रहण समारोह भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में हुआ | उन्होंने 48 साल की उम्र में शपथ ली जिसके कारन वह पंजाब के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए हैं 

 

भगवंत मान ने पंजाब के 2022 विधानसभा चुनाव धुरी से लड़ा था जहां उनकी  58,206 वोटों से ऐतिहासिक जीत हुई थी। दरअसल, पंजाब में वोटिंग से पहले 15 फरवरी को पंचायत आजतक हुई थी। इस कार्यक्रम में अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान दोनों शामिल हुए थे इस दौरान केजरीवाल ने कहा था कि मान साहब कम से कम 51 हज़ार वोटों से जीतेंगे | इस दौरान केजरीवाल ने एक कागज पर लिखकर दिया था कि चन्नी साहब दोनों सीट हार रहे हैं |

PUDUCHERRY PRADESH

एन॰ रंगास्वामी (मुख्यमंत्री )

एन॰ रंगास्वामी (मुख्यमंत्री )

 

पदस्थ - पुद्दुचेरी के 9वें मुख्यमंत्री 

कार्यालय ग्रहण - 7 मई 2021

 

उपराज्यपाल - किरण बेदी

पूर्वा धिकारी - वी॰ वैथीलिंगम

उत्तरा धिकारी - वी॰ नारायणसामी

चुनाव-क्षेत्र - इंदिरा नगर

 

जन्म - 4 अगस्त 1950 (आयु 72)

पुदुचेरी, फ्रांसीसी भारत (now पुदुचेरी, भारत)

राजनीतिक दल- ऑल इंडिया एन॰आर॰ कांग्रेस (2011—वर्तमान)

 

अन्य राजनीतिक दल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1990—2011)

निवास - न॰ 9, विनयागार कोइल स्ट्रीट, थिलस्पेट, पुद्दुचेरी - 605 009.

 

 

व्यक्तिगत जीवन

नटेसन कृष्णासामी रंगासामी (जन्म 4 अगस्त 1950) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने पहले 2001 से 2006 तक पांडिचेरी के अंतिम मुख्यमंत्री और 2006 से 2008 तक पुडुचेरी के पहले मुख्यमंत्री के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में और फिर 2011 से 2016 तक अपनी पार्टी, अखिल भारतीय एन.आर. के सदस्य के रूप में कार्य किया। कांग्रेस। अपनी पार्टी बनाने के बाद तीन महीने के भीतर मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड उनके नाम है।

 

राजनीतिक कैरियर

1991, 1996, 2001, 2006, 2021 में थट्टांचवडी विधानसभा क्षेत्र से और 2011 और 2016 में इंदिरानगर से और 2011 में कथिरकमम से विधान सभा के सदस्य चुने गए।

1991 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में विधानसभा के लिए चुने गए।

1991 - कृषि मंत्री नियुक्त

1996 - विधायक

2000 - शिक्षा मंत्री

2001 से 2008: मुख्यमंत्री, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य के रूप में

2011 - कांग्रेस छोड़ो और अपनी पार्टी की स्थापना की।

2011 से 2016 - पुडुचेरी के मुख्यमंत्री, एन आर कांग्रेस के सदस्य के रूप में, एक पार्टी की स्थापना उन्होंने खुद की।

2016 से 2021 - विपक्ष के नेता

2021 से वर्तमान तक - एनडीए गठबंधन के हिस्से के रूप में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री।

ODISHA PRADESH

नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री )

नवीन पटनायक (मुख्यमंत्री )

 

पदस्थ - 13 ओडिशा के मुख्यमंत्री

कार्यालय ग्रहण - 5 मार्च 2000

 

राज्यपाल - एस॰सी॰ जमीर

पूर्वा धिकारी - हेमनन्द बिश्वाल

चुनाव-क्षेत्र हिंजिली

 

जन्म - 16 अक्टूबर 1946 (आयु 76)

कटक, ओडिशा, ब्रितानी भारत

राजनीतिक दल - बीजू जनता दल

 

अन्य राजनीतिक दल

जनता दल (1996–98)

निवास - नवीन निवास, भुवनेश्वर

शैक्षिक सम्बद्धता - किरोड़ीमल महाविद्यालय

पेशा - लेखक, राजनीति

धर्म - हिन्दू

जालस्थल - बीजू जनता दल का जालस्थल

ओडिशा के मुख्यमंत्री

 

व्यक्तिगत जीवन

 

नवीन पटनायक का जन्म ओडिशा के कटक नगर में 16 अक्टूबर 1946 को हुआ। उनके पिता ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक तथा माँ ज्ञान पटनायक थे। उनकी शिक्षा दून विद्यालय में हुई और बाद में उन्होंने किरोड़ीमल महाविद्यालय, दिल्ली से कला में स्नातक की शिक्षा पूर्ण की। नवीन पटनायक एक लेखक भी हैं और उन्होंने अपना युवाकाल लगभग रजनीति और ओडिशा से दूर ही व्यतीत किया। वर्ष 1997 में नवीन पटनायक ने उनके पिता का निधन होने के बाद राजनीति में कदम रखा और एक वर्ष बाद ही अपने पिता बीजू पटनायक के नाम पर बीजू जनता दल की स्थापना की। बीजू जनता दल ने उसके बाद विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की और भाजपा के साथ सरकार बनाई जिसमें वे स्वयं मुख्यमंत्री बने। 

NAGALAND PRADESH

माननीय टी आर ज़ेलोंग

(मुख्यमंत्री नगालैंड प्रदेश)

नगालैंड पीपुल्स फ्रंट

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GOA PRADESH

माननीय मनोहर पर्रिकर

(मुख्यमंत्री गोवा  प्रदेश)

भारतीय जनता पार्टी

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ANDHRA PRADESH

Governor Sri. E S Lakshmi Narasimhan AddressH\\\' Block, South wing,GA(Elections) Dept. A.P. Secretariat, Hyderabad 040-23455781 (Fax) -

MR. N. Chandr Babu Naidu

(Chief Minister Of Andhra Pradesh)


तेलुगू देशम पार्टी


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ARUNACHAL PRADESH

HE Mr. NABAM TUKI 

 

(Chief Minister of Arunachal Pradesh)

 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

 

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ASSAM PARDESH

 

माननीय तरुण कुमार गोगोई 

(Chief Minister Of asam Pradesh)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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Ac

 

 

BIHAR PRADESH

माननीय नीतीश कुमार
(मुख्यमंत्री बिहार प्रदेश)

जनता दल (यूनाइटेड)

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CHATTISGARH PRADESH

भूपेश बघेल (मुख्यमंत्री)

DELHI PRADESH

Shri Najeeb Jung, a former Indian Administrative Services (IAS) officer from the Madhya Pradesh Cadre and former Vice-Chancellor of Jamia Millia Islamia, Delhi, is currently the 20th Lt. Governor of the National Capital Territory of Delhi. He was sworn to office on 9th July 2013.

 अरविंद केजरीवाल

{मुख्यमंत्री दिल्ली  प्रदेश}

 

आम आदमी पार्टी

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दिल्ली सरकार की नयी एजुकेशनल लोन स्कीम सुविधा

 

 

Delhi Government Educational Loan Upto 10 lakh Details In Hindi दिल्ली सरकार ने एक नयी एजुकेशन लोन स्कीम सुविधा शुरू की हैं विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़े |

 

दिल्ली सरकार ने छात्रों को शिक्षा का लाभ देने के लिए एक नयी लोन/ ऋण प्रणाली शुरू की हैं जिसमे छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जायेगा |

इस योजना के बारे में दो साल पहले कहा गया था लेकिन इसकी शुरुवात “आम आदमी पार्टी आप ” ने की | दिल्ली शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस योजना की शुरुवात करते हुए 25 छात्रो को लोन के चेक दिये | अब तक 30 छात्रो ने Loan के लिए अप्लाई किया था |कुल 75 लाख रूपये के चेक दिये गये |

 

इस योजना के लिए बजट में 9,836 करोड़ से 41,129 करोड़ रूपये शामिल किया गया हैं |

यह योजना उन छात्रो के लिए शुरू की गई हैं जिनके पास Education Loan लेने के लिए कोई सिक्यूरिटी नहीं हैं | ऐसे छात्रो की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार ने ली हैं | अपने भाषण में आप पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि यह लोन उन छात्रो के लिए हैं, जो बारहवी की शिक्षा के बाद आगे पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास लोन लेने की सुविधा नहीं हैं | ऐसे छात्रो के लिए गारेंटी खुद Delhi Government लेगी | ऐसे छात्रो को धन की कमी के कारण शिक्षा से समझौता नहीं करना पड़ेगा |


\"Delhi

दिल्ली सरकार का दिल्ली के विद्यार्थियों के लिए यह एक बेहतर कदम हैं, जिसके जरिये वे अपने सपने पुरे कर सकते हैं, जिसके लिए उन्हें बैंक के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा |

 

Delhi Education Loan Schemes Eligibility Criteria (दिल्ली एजुकेशन लोन  स्कीम के लिए योग्यता)

  • इस लोन सुविधा के लिए छात्रो का बारहवी पास होना जरुरी हैं |
  • सरकारी कर्मचारी एवम ऑफिसर के बच्चे भी इस योजना के तहत लोन ले सकते हैं |
  • जिनके पास लोन सिक्यूरिटी का कोई साधन ना हो अर्थात सम्पति |
  • जिनके पास कोई रोजगार ना हो जिन्हें शिक्षा के अभाव में नौकरी न मिल रही हो |

Delhi Education Loan Schemes Return Policy (दिल्ली एजुकेशन लोन  स्कीम वापस करने के नियम)

  • छात्र अपनी डिग्री अथवा कोर्स खत्म करने के एक साल बाद से लोन चूका सकते हैं | अर्थात उन्हें एक साल का एक्सटेंशन मिलेगा |
  • एक साल बाद छात्र EMI अर्थात इंस्टोलमेंट के द्वारा लोन चूका सकते हैं |
  • लोन चुकाने के लिए अधिकतम 15 साल तक का वक्त दिया जायेगा |
  • लोन वापस लौटाते समय उस पर बेसिक इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) के साथ 2 % एक्स्ट्रा रेट लिया जायेगा |
  • अगर छात्र एजुकेशन पीरियड के दौरान ही लोन चुकाते हैं तो उन्हें 1 % कम ब्याज दर लगाई जा सकती हैं |

अपनी स्पीच में मनीष सिसोदिया ने सभी छात्रो से कहा यह लोन पद्धति तब ही कारगर साबित होगी, जब छात्र इसका सही इस्तेमाल करेंगे और सही वक्त में इसे लौटायेंगे | दिल्ली सरकार ने यह स्पष्ट किया हैं कि यह लोन उन छात्रो के लिए हैं, जिन्हें हायर एजुकेशन की कमी होने के कारण रोजगार लेने में परेशानी हो रही हैं | जिनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं हैं और ना ही कोई लोन सिक्यूरिटी हैं| ऐसे में Loan के लिए सिक्यूरिटी खुद Delhi Government द्वारा ली जाएगी | इसके लिए पैसा दिल्ली सरकार के साथ- साथ फाइनेंस कंपनियों द्वारा भी उपलब्ध कराया जायेगा |

एजुकेशन लोन किसी भी तरह के डिग्री कोर्स अथवा स्कील डेवलपमेंट कोर्स (technical/skill development) के लिए दिया जायेगा |

इस डेल्ही एजुकेशन लोन के अंदर कोर्स फीस, बुक्स, यूनिफार्म, लाइब्रेरी/ लैब सुविधा अन्य सभी कोर्स संबंधी सुविधाये दी जाएगी |

स्टूडेंट की मदद के लिए दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गए कदम सराहना के काबिल हैं | ऐसे में Students को भी ईमानदारी के साथ सरकार की इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिये और समय पर ऋण की राशि लौटना चाहिये, ताकि यह सुविधा वर्षो तक कायम रह सके और अन्य छात्र इसका लाभ ले सके |

Delhi Government Education Loan Schemes सरकार के इस कदम के लिए आप क्या कहना चाहते हैं

 

गुजरात प्रदेश

भूपेंद्रभाई पटेल (मुख्यमंत्री )

भूपेंद्रभाई पटेल (मुख्यमंत्री )

 

पदस्थ - गुजरात  के 17वे  मुख्यमंत्री

कार्यालय ग्रहण - 13  सितंबर 2021

राज्यपाल- आचार्य देवव्रत

पूर्वा धिकारी - विजय रूपाणी

चुनाव-क्षेत्र - घटलोडिया

 

जन्म - 15  जुलाई 1962

अहमदाबाद, गुजरात, भारत

राजनीतिक दल- भारतीय जनता पार्टी

 

व्यक्तिगत जीवन

भूपेन्द्रभाई पटेल (गुजराती: ભુપેન્દ્રભાઇ રજનીકાન્ત પટેલ) गुजरात राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री है।

 

भूपेंद्र पटेल गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री बने हैं, वह गुजरात की घटलोडिया विधानसभा सीट से विधायक हैं. 59 साल के भूपेंद्र पटेल पहली बार ही विधायक बने और अब सीधे मुख्यमंत्री पद पर सवार हो गए हैं |

 

भूपेंद्रभाई पटेल का जन्म 15 जुलाई 1962 को अहमदाबाद, गुजरात, भारत में एक गुजराती कदवा पाटीदार परिवार में हुआ था। भूपेंद्रभाई पटेल ने अप्रैल 1982 में गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अहमदाबाद से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त किया है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं।

 

वह पेशे से एक बिल्डर हैं। वह सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के ट्रस्टी और विश्व उमिया फाउंडेशन की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। वह दादा भगवान द्वारा स्थापित अकरम विज्ञान आंदोलन के अनुयायी हैं। उन्हें क्रिकेट और बैडमिंटन में दिलचस्पी है।

 

राजनीतिक जीवन

 

निगम पार्षद

पटेल 1995-19 1999-2000 और 2004-2006 में मेमनगर नगरपालिका के सदस्य थे। वह 1999-2000 में मेमनगर नगरपालिका के अध्यक्ष थे। वह 2008 से 2010 तक अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष थे। वह 2010 से 2015 तक थलतेज वार्ड के पार्षद थे। वह 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) के अध्यक्ष थे। उन्होंने एएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

 

गुजरात विधानसभा के सदस्य

पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शशिकांत पटेल के खिलाफ चल रहे 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के बाद घाटलोदिया निर्वाचन क्षेत्र के लिए गुजरात विधानसभा के सदस्य बने। उन्होंने 1,17,000 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की।

 

गुजरात के मुख्यमंत्री

11 सितंबर 2021 को, विजय रूपानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 12 सितंबर 2021 को गांधीनगर में पार्टी विधानमंडल की बैठक में पटेल को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल के नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। उन्होंने 13 सितंबर 2021 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 08 फरवरी, 2022 को उन्होंने एक नई गुजरात आईटी / आईटीईएस नीति 2022-2027 लॉन्च की।

हिमाचल प्रदेश

 

पदस्थ
कार्यभार ग्रहण 
27 दिसम्बर 2017
राज्यपाल आचार्य देवव्रत
पूर्व अधिकारी वीरभद्र सिंह
निर्वाचन क्षेत्र सिराज

जन्म 6 जनवरी 1965 (आयु 53)
तांदी गांव, थुनाग तहसील, मंडी जिला, हिमाचल प्रदेश
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनैतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी डॉ. साधना ठाकुर
संतान 2
आवास मुख्यमंत्री निवास,ओक ओवर, शिमला,हिमाचल प्रदेश
धर्म हिन्दू धर्म
जयराम ठाकुर एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के 13 वें मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं ।वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मंडी जिला की सिराज नामक विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। वह 24 दिसंबर 2017 को भाजपा विधायक दल के सदस्य चुने गए थे। वह 1998 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे हैं और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार में वह 2009-2012 से ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री थे।  

HARYANA PRADESH

Manohar Lal Khattar

(Chief Minister of Haryana Pradesh)

भारतीय जनता पार्टी

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JAMMU & KASHMIR

माननीय महबूबा मुफ़्ती 

{मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर प्रदेश}

पीडीपी,भारतीय जनता पार्टी

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KARNATKA PRADESH

Chief Minister

 माननीय श्री बसवराज बोम्मई

 {मुख्यमंत्री  कर्नाटक प्रदेश} 

भारतीय जनता पार्टी

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KERALA PRADESH

 Mr. Oman Chandi

{Chief Minister of Kerala state}

भारतीय  राष्ट्रीय कांग्रेस

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मध्य प्रदेश सरकार

शिवराज सिंह चौहान

 

 

शिवराज सिंह चौहान

पदस्थ = 19वें मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

कार्यालय ग्रहण = 23 मार्च 2020

राज्यपाल= लालजी टंडन

पूर्वा धिकारी = कमल नाथ

 

पदस्थ = विधायक, मध्यप्रदेश

कार्यालय ग्रहण = 2006

चुनाव-क्षेत्र = बुधनी

 

पदस्थ = राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

कार्यालय ग्रहण  = 11 जनवरी 2019

 

जन्म = 5 मार्च 1959 (आयु 63)

सीहोर, मध्य प्रदेश

राजनीतिक दल= भारतीय जनता पार्टी

जीवन संगी = साधना सिंह चौहान

बच्चे= 2 पुत्र

निवास = भोपाल

धर्म = हिन्दू

 

जीवन परिचय

 

शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5  मार्च 1959  को हुआ। उनके पिता का नाम श्री प्रेमसिंह चौहान और माता श्रीमती सुंदरबाई चौहान हैं। उन्‍होंने भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्‍त की। सन् 1975  में आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल (मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल) के छात्रसंघ अध्यक्ष बनें।[2] आपातकाल का विरोध किया और 1976 -77  में भोपाल जेल में निरूद्ध रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन किए और कई बार जेल गए। सन् 1977  से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। वर्ष 1992  में उनका श्रीमती साधना सिंह के साथ विवाह हुआ। उनके दो पुत्र हैं।

 

राजनीतिक करियर

सन् 1977 -78  में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने। सन् 1975 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।

 

मुख्‍यमंत्री के रूप में

चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। चौहान को 29 नवम्बर 2005 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। चौहान को 10 दिसम्बर 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।

 

शिवराज सिंह मुख्‍यमंत्री के रूप मे रिकार्ड

शिवराज सिंह जी मध्‍यप्रदेश मे सबसे लम्‍बे समय तक मुख्‍यमंत्री के रूप मे कार्यभार संभालने वाले पहले मुख्‍यमंत्री है, शिवराज जी ने 13 वर्ष 17 दिन का मुख्‍यमंत्री का कार्यभारत सम्‍भाला है, और वर्तमान मे भी व‍ह 15 महिने के बाद फिर मे मुख्‍यमंत्री के पद का दुबारा निर्वाह कर रहे है। इसके अलावा मध्‍य प्रदेश मे सबसे ज्‍यादा बार मुख्‍यमंत्री बनने का रिकार्ड भी उन्‍होने अपने नाम कर लिया है। 23 मार्च को शिवराज जी ने चौथी बार मुख्‍यमंत्री पद की सपथ ली। इसके पहले ये रिकार्ड अर्जुन सिंह और श्‍यामाचरण शुक्‍ल जी के पास था। ये मध्‍य प्रदेश के तीन तीन बार मुख्‍यमंत्री रह चुके है।24 मार्च 2020 शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ चौथी बार ली।

MAHARASTRA PRADESH

 माननीय श्री  देवेंद्र फड़नवीस

{मुख्यमंत्री महाराष्ट्र प्रदेश}

भारतीय जनता पार्टी

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MANIPUR PRADESH

 माननीय श्री  ओकराम  इबोबी सिंह

(Chief Minister ऑफ़ Manipur Pradesh)

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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MEGHALAYA PRADESH

माननीय श्री  मुकुल संगमा 

  {मुख्यमंत्री मेघालय प्रदेश}

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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MIZORAM PRADESH

  HE Mr. Montek Lal Thanhvla     

 (Chief Minister of Mizoram Pradesh)

 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

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