स्कूल नाम :
निशात जूनियर हाई स्कूल सिरौली कलां
प्रबंधक :
श्री अब्दुल वाहिद
सम्मान :
प्रमाणित किया जाता है की प्रिंसिपल महोदय ने नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्रों परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा
मदन मोहन मालवीय शिक्षक सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
(मेहनाज़ अंसारी जनरल सेक्रेटरी )
विवरण :
School Name : Nishat Junior high schoolPrincipal Name : Mr. Afsar Ali (9837062618)Manager Name : Mr. Abdul WahidMobail No. : 9837668579Locality Name : Siraulikalan Block Name : RudrapurDistrict : Udam Singh Nagar State : Uttarakhand Language : Hindi and Urdu Current Time 10:44 PM Date: Thursday , Aug 01,2019 (IST) Vehicle Registration Number:UK-06 RTO Office : Udham Singh Nagar Telephone Code / Std Code: 05944 Assembly constituency : Kichha assembly constituency Assembly MLA : rajesh shukla Lok Sabha constituency : Nainital-Udhamsingh Nagar parliamentary constituency Parliament MP : Ajay Bhatt Pin Code : 263148 Post Office Name : Kichhaस्कूल की सुबिधा के बारे में जानकारीUDISE कोड: NAभवन: निजीक्लास रूम: 12बॉय टॉयलेट: 03गर्ल्स टॉयलेट: 03कंप्यूटर एडेड लर्निंग: हाँबिजली: हाँदीवार: पक्कीपुस्तकालय: १खेल का मैदान: हाँलाइब्रेरी में किताबें: 500पीने का पानी: हाथ पंप्स 03विकलांगों के लिए रैंप: हाँकंप्यूटर: 1 सिरौलीकलां के बारे में सिरौलीकलां उत्तराखंड राज्य, भारत के उधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर ब्लॉक का एक गाँव है। यह जिला मुख्यालय, रुद्रपुर से पूर्व की ओर 16 KM दूर स्थित है। रुद्रपुर से 9 कि.मी. राज्य की राजधानी देहरादून से 250 कि.मी.सिरौलीकलां पिन कोड 263148 है और डाक प्रधान कार्यालय किच्छा है।कुरैया (6 KM), बाखपुर (6 KM), राम नगर (7 KM), लालपुर (7 KM), दराऊ (8 KM), सिराउलीकलां के नजदीकी गाँव हैं। सिरौलीकलां बहेरी ब्लॉक से दक्षिण की ओर, सितारगंज ब्लॉक पूर्व की ओर, दक्षिण की ओर दामखुदा ब्लॉक, पश्चिम की ओर बिलासपुर ब्लॉक से घिरा हुआ है।किच्छा, नगला, रुद्रपुर, सितारगंज, शहरों से होते हुए सिरौलीकलां तक हैं।यह स्थान उधमसिंह नगर जिले और रामपुर जिले की सीमा में है। रामपुर जिला बिलासपुर इस जगह की ओर पश्चिम है। यह उत्तर प्रदेश राज्य सीमा के पास है।सिरौली कलां 2011 की जनगणना विवरणसिरौलीकलां स्थानीय भाषा हिंदी है। सिरौली कलां ग्राम की कुल जनसंख्या 13806 है और घरों की संख्या 2289 है। महिला जनसंख्या 46.8% है। ग्राम साक्षरता दर 40.6% है और महिला साक्षरता दर 16.0% है।आबादीजनगणना पैरामीटर जनगणना डेटाकुल जनसंख्या 13806कुल घरों की संख्या 2289महिला जनसंख्या 46.8% (6465)कुल साक्षरता दर 40.6% (5610)महिला साक्षरता दर 16.0% (2205)अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 0.0% (0)अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1.4% (187)कार्य जनसंख्या% 30.2%2011 2437 तक बाल (0 -6) जनसंख्याबालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 47.1% (1147)सिरौलीकलां में राजनीतिभाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।सिरौलीकलां के पास मतदान केंद्र / बूथ1) शिमला पिस्तौर2) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 43) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 14) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 25) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 3किच्छा विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दलकिच्छा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस प्रमुख राजनीतिक दल हैं।किच्छा विधानसभा क्षेत्र में मंडल।रुद्रपुरकिच्छा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।2012 जनरल राजेश शुक्ला भाजपा 33388 = 8226 सरवर यार खान कांग्रेस 25162रेल द्वाराकिच्छा रेल मार्ग स्टेशन सिरौलीकला के लिए बहुत नज़दीकी रेलवे स्टेशन हैशहरों के पासकिच्छा 2 KM नगला 14 KM रुद्रपुर 16 KM सितारगंज 22 KM तालुकों के पासरुद्रपुर 9 KM बहेरी 13 KM सितारगंज 24 KM दमखौड़ा 24 KM एयर पोर्ट्स के पासपंतनगर एयरपोर्ट 18 KMमुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 211 KM देहरादून हवाई अड्डा 239 KM इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 266 KM पर्यटक स्थलों के पासकाठगोदाम 47 किमी खटीमा 50 KM भीमताल 56 KM सटल 57 KM भोवाली 61 KM जिले के पासउधम सिंह नगर 16 KM पीलीभीत 44 KM रामपुर 54 KM नैनीताल 61 KM रेल्वे स्टेशन के पासकिच्छा रेल मार्ग स्टेशन 3.0 KM बहेरी रेल मार्ग स्टेशन 14 KM
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था,
मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी.
बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए.
इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी