मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
मदर इंडिया पब्लिक स्कूल अकबरपुर
प्रबंधक :
आरती अवस्थी (प्रिंसीपल)
विशेषता :
इंग्लिश मीडियम
क्षेत्र :
अकबरपुर
नगर ब्लॉक :
छिबरामऊ
जनपद :
कन्नौज
राज्य :
उत्तर प्रदेश
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
स्कूल मैनजमेंट कमेटी द्वारा प्रधानाचार्य जी के सहयोग से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
 
विवरण :
School Name: Mother India Public School Akbarpur
Instruction Medium: English
Class: PG To 8TH
Established:
Total students: 200
Principal Name: Aarti Awasthi
Mobail no. : 9956493548
Manager: Mr. Sunil Kumar
Mobile No: 9956493548
Adress: GT Road Khudawa,
Locality Name : Akbar Pur ( अकबर पुर )
Block Name : Chhibramau
District : Kannauj
State : Uttar Pradesh
Division : Kanpur
Language : Hindi and Urdu, Kanauji
Current Time 08:26 AM
Date: Tuesday , Sep 17,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05691
Vehicle Registration Number:UP-74 
RTO Office : Kannauj 
Assembly constituency : Chhibramau assembly constituency
Assembly MLA : arvind singh yadav
Lok Sabha constituency : Kannauj parliamentary constituency
Parliament MP : SUBRAT PATHAK
Serpanch Name : Vineeta Yadav 9455497291
Basic Infrastructure
UDISE Code : 
Building: Private
Class Rooms: 10 
Boys Toilet: 1
Girls Toilet: 1
Computer Aided Learning: Yes
Electricity: Yes
Wall: Pucca
Library: Yes
Playground: Yes
Books in Library: 
Drinking Water: Hand Pumps
Ramps for Disable: 
Computers: 
 
 अकबर पुर के बारे में
अकबर पुर उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के कन्नौज जिले में छिबरामऊ ब्लॉक में एक गाँव है। यह कानपुर मंडल के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय कन्नौज से पश्चिम की ओर 43 KM दूर स्थित है। छिबरामऊ से 8 कि.मी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 164 कि.मी.
 
सलेम पुर (1 KM), रतन पुर (1 KM), हथीन (2 KM), चंदर पुर (2 KM), जसुआ माई (2 KM) अकबर पुर के नजदीकी गांव हैं। अकबर पुर पूर्व की ओर तालग्राम ब्लॉक, उत्तर की ओर कमालगंज ब्लॉक, दक्षिण की ओर सौरिख ब्लॉक, दक्षिण की ओर हसेरन ब्लॉक से घिरा हुआ है।
 
सिकंदरपुर, फतेहगढ़, फर्रुखाबाद, सांडी शहरों के पास अकबर पुर के पास हैं।
 
यह स्थान कन्नौज जिले और मैनपुरी जिले की सीमा में है। मैनपुरी जिला बेवर इस जगह की ओर पश्चिम है। इसके अलावा यह अन्य जिले फर्रुखाबाद की सीमा में है।
अकबर पुर 2011 की जनगणना विवरण
अकबर पुर स्थानीय भाषा हिंदी है। अकबर पुर गाँव की कुल जनसंख्या 3620 है और घरों की संख्या 606 है। महिला जनसंख्या 47.7% है। ग्राम साक्षरता दर 71.2% है और महिला साक्षरता दर 31.2% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 3620
606 मकानों की कुल संख्या
महिला जनसंख्या 47.7% (1726)
कुल साक्षरता दर 71.2% (2578)
महिला साक्षरता दर 31.2% (1131)
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 0.0% (0)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या 15.5% (561)
कार्य जनसंख्या% 26.3%
बाल (0 -6) जनसंख्या 2011 508 तक
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 47.4% (241)
अकबर पुर के पास पिनकोड
209729 (सिकंदरपुर (कन्नौज)), 209721 (छिबरामऊ), 209735 (सराय प्रयाग)
अकबर पुर को कैसे जाए
रेल द्वारा
10 किमी से कम दूरी में अकबर पुर के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
शहरों के पास
सिकंदरपुर 4 KM 
फर्रुखाबाद 29 KM 
सांडी 48 KM 
 
तालुकों के पास
छिबरामऊ 7 KM 
तालग्राम 13 KM
कमालगंज 14 KM 
सौरिख 19 KM 
 
एयर पोर्ट्स के पास
कानपुर एयरपोर्ट 131 KM
अमौसी एयरपोर्ट 153 किलोमीटर 
खेरिया एयरपोर्ट 177 KM 
ग्वालियर एयरपोर्ट 180 KM 
 
पर्यटक स्थलों के पास
कन्नौज 40 KM 
बिठूर 101 किलोमीटर 
कानपुर 120 KM 
नैमिषारण्य 135 किलोमीटर
लखनऊ 154 KM
 
जिले के पास
फर्रुखाबाद 31 KM 
कन्नौज 42 KM 
मैनपुरी 61 KM 
हरदोई 71 KM 
 
रेल्वे स्टेशन के पास
फतेहगढ़ रेल मार्ग स्टेशन 30 KM 
फर्रुखाबाद जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 31 KM

अकबर पुर में राजनीति
भाजपा, सपा, बसपा इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
अकबर पुर के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) P.p। दक्षिण भाग दल्लूपुर सुल्तानपुर
2) G.j.h.s। पश्चिम भाग छिबरामऊ
3) जी.पी. अकबरपुर कमरा नंबर 1
4) गोमती A.inter College इतिथ ग्राम कादेंदेवर कमरा नंबर 8
5) पीपी रसूलपुर
छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 जनरल अरविंद सिंह यादव एसपी 70372 = 2426 ताहिर हुसैन सिद्दीकी बीएसपी 67946
2007 जनरल अरविंद सिंह एसपी 45708 = 4820 जय कुमार तिवारी उर्फ वुआन  40888
2002 जनरल राम प्रकाश त्रिपाठी भाजपा 50564 9999 छोटे सिंह यादव  40565
1996 जनरल छोटे सिंह यादव सपा 51204 = 2324 राम प्रकाश त्रिपाठी  भाजपा 48880
1993 जनरल राम प्रकाश त्रिपाठी भाजपा 59766 = 14784 कपतान सिंह एसपी  44982
1991 जनरल कप्तान सिंह जेपी 33887 = 2799 राम प्रकाश त्रिपाठी भाजपा 31088
1989 जनरल कप्तान सिंह जेडी 30658 = 4675 संतोष चतुर्वेदी  कांग्रेस 25983
1985 जनरल संतोष कांग्रेस 28570 36 छोटा सिंह यादव LKD  28534
1980 जनरल राधेश्याम वर्मा JNP (SC) 20043 = 1237 राम शंकर शुक्ल INC 18806
1977 जनरल बंशगोपाल चौबे जेएनपी 21755 = 3169 जगदीश्वर दयाल अग्निहोत्री  कांग्रेस 18586
1974 जनरल राम प्रकाश त्रिपाठी BJS 28741 = 11642 जगदीश्वर दयाल कांग्रेस 17099
1969 जनरल जगदीश्वर दयाल कांग्रेस 22690 = 4205 राम प्रकाश त्रिपाठी BJS  18485
1967 GEN R.P.Tripathi BJS 27,799 = 2439 K.S.Bhadauria कांग्रेस 25,360
1962 जनरल कोतवाल सिंह भदौरिया PSP 17781 = 2636 राम सेवक कांग्रेस 15145
1957 जनरल कोतवाल सिंह भदोरिया PSP 27549 = 9215 मथुरा प्रसाद कांग्रेस  18382
 
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी