2 - राजीव कुमार = भारतीय जनता पार्टी (115671) 38.09 को 10011 अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता
5 -मुजाहिद किदवई = समाजवादी पार्टी (16510) 5.44 मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर रहे
अलीगढ़ नगर निगम 1996 में नगर पालिका से नगर निगम बना। ये तीन मंजिल बना हुआ है भूतल पर गृहकर ,स्वास्त्य, विभाग है प्रथम तल पर मुख्य कार्यालय एवं लेखाधिकारी कार्यालय बने हुए हैं धोती तल पर निर्माण विभाग का कार्यालय बना हुआ है एवं संपत्ति कार्यालय नजूल कार्यालय वह डिमांड कार्यालय व फोटोस्टेट कराने के लिए फोटो मशीन कार्यालय बना हुआ है एवं न्याय विभाग भी बना हुआ है वह रिस्टोर विभाग में संचालित किया जा रहा है तृतीय तल पर लाइसेंस विभाग कार्यालय ऑडिट कार्यालय जलकल विभाग वह स्वास्थ्य विभाग कार्यालय ही बना हुआ है इन सभी कार्यालयों की देखरेख एवं नगर निगम के मुखिया नगर आयुक्त करते हैं एवं शहर मेयर भी करते हैं
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य में अलीगढ़ जिले में शहर है। अलीगढ़ नगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कारण विश्व प्रसिद्ध है और अपने तालों(Locks) के लिये भी. अलीगढ़ जनपद को खैर, अतरौली, गभाना, इगलास और कोलतहसीलों में विभाजित किया हुआ है। अलीगढ़ प्राचीन नाम से कोइल या कोल भी कहलाता है। अलीगढ़ शहर, उत्तरी भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। यह दिल्ली के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह शहर नरोरा पावर प्लांट से लगभग 50 किमी की दूरी पर है। अलीगढ़ भारत का 55वाँ सबसे बड़ा शहर[1] है। इसके पास ही अलीगढ़ नाम का एक क़िला है। कोल नाम की तहसील अब भी अलीगढ़ ज़िले में है। अलीगढ़ नाम नजफ़ खाँ का दिया हुआ है। 1717 ई. में साबित खाँ ने इसका नाम साबितगढ़ और 1757 में जाटों ने रामगढ़ रखा था। उत्तर मुग़ल काल में यहाँ सिंधिया का कब्ज़ा था। उसके फ़्रांसीसी सेनापति पेरन का क़िला आज भी खण्डहरों के रूप में नगर से तीन मील दूर है। इसे 1802 ई. में लॉर्ड लेक ने जीता था। यह क़िला पहले रामगढ़ कहलाताथा।अलीगढ का प्राचीन नाम हरीगढ था
इतिहास
एतिहासिक दृष्टि से देखा जाय तो अलीगढ़ (कोल) एक अत्यधिक प्राचीन स्थल है। महाभारत के एक समीक्षाकार के अनुसार अनुमानतः पाँच हजार वर्ष पूर्व कोई कौशिरिव-कौशल नामक चन्द्रवंशी राजा यहाँ राज्य करता था और तब उसकी इस राजधानी का नाम कौशाम्बी था। बाल्मीकि रामायण में भी इसका उल्लेख पाया जाता है। तदोपरान्त कौशरिव को पराजित कर कोल नामक एक दैत्यराज यहाँ का बादशाह बना और उसने अपने नाम के अनुकूल इस स्थल का नाम कोल रखा। यह वह समय था जब पांडव हस्तिनापुर से अपनी राजधानी उठाकर (बुलन्दशहर) लाये थे। यहाँ काफी दिन कोल का शासन रहा। उसी काल में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी जिन्हें दाऊजी महाराज के नाम से पुकारते हैं द्वापुर युग के अन्त में रामघाट गंगा स्नान के लिए यहाँ होकर गुजरे तो उन्होंने स्थानीय खैर रोड पर अलीगढ़ नगर से करीब 5 किलो मीटर दूर स्थित प्राचीन एतिहासिक स्थल श्री खेरेश्वरधाम पर अपना पड़ाव डाला था और दैत्य सम्राट कोल का बध करके अपना हथियार हल जहाँ जाकर धोया था उस स्थान का नाम हल्दुआ हो गया। उनके सेनापति हरदेव ने उसी गाँव के निकट ही अपने नाम के आधार पर जिस स्थल पर पैठ लगवाई थी उसी का नाम कलान्तर में हरदुआगंज हो गया।भगवान बलराम ने तब कोल का राज्य पांडवों को दे दिया था परन्तु काफी प्रचलित हो जाने के कारण इसका नाम नहीं बदला। मथुरा संग्रालह में जो सिक्के 200 बी॰ सी॰ के सुरक्षित हैं वह भी हरदुआगंज, सासनी और लाखनू के समीप की गई खुदाई में ही प्राप्त हुए थे।
व्यापार और उद्योग
आदि बनाने के कारख़ाने हैं। यहाँ पर एक बड़ा डेयरी फ़ार्म भी है, जहाँ पर मक्खन और पनीर बनाया जाता है। घोड़े पालने के लिए भी यह नगर प्रसिद्ध है।
दर्शनीय स्थल
1- शहर के बीचोंबीच स्थित प्राचीन क़िला, डोरगढ़ (1524) अब एक खंडहर मात्र रह गया है। इसका एक बड़ा हिस्सा 18वीं शताब्दी की एक मस्जिद द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया। अलीगढ़ में अनेक मुसलमान औलिया के मज़ार हैं।
2- मंगलायतन मंदिर -
3- नोदेवी मंदिर -
4- शेखा झील -
5- अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सटी -
6- बोना चोर किला ( अलीगढ़ किला)
7- जामा मस्जिद ऊपरकोट
8- बारह ज्योतिर्लिंग शिव मन्दिर,चौधाना,खैर
आस पास के शहर
अलीगढ़ 1 KM
हाथरस 37 KM
सिकंदरा राव 43 KM
शिकारपुर, बुलंदशहर 47 KM
तालुका के पास
अलीगढ़ 0 KM
लोढ़ा 7 KM
धनीपुर 10 KM
सिकंदरपुर 16 KM
एयर पोर्ट्स के पास
खेरिया एयरपोर्ट 93 KM
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 135 KM
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 196 KM
ग्वालियर एयरपोर्ट 200 KM
जिले के पास
अलीगढ़ 1 KM के पास
महामाया नगर 57 KM
कांशीराम नगर 63 KM
बुलंदशहर 67 KM
रेल्वे स्टेशन के पास
अलीगढ़ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 1.5 KM
महरावल रेल मार्ग स्टेशन 6.6 किमी
मंज़ूरगढ़ी रेल मार्ग स्टेशन 9.2 किलोमीटर
हाथरस जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 34 KM
अलीगढ़ का राजनितिक इतिहास
अलीगढ़ विधानसभा चुनावों में विजेताओं और उपविजेता की सूची नीचे दी गई है।
2012 जफर आलम एसपी 68291 आशुतोष वर्षानी बीजेपी 45205
2007 ज़मीर उल्लाह एसपी 44541 संजीव राजा बीजेपी 3668 9
2002 विवेक बंसल कांग्रेस 47801 दीपक मित्तल बीजेपी 23357
1996 अब्दुल खलीक एसपी 86570 कृष्णा कुमार नौमान बीजेपी 51427
1993 कृष्ण कुमार नवमान बीजेपी 58027 अब्दुल खलिक बीएसपी 56005
1991 कृष्णा कुमार नवमान बीजेपी 52670 मोहम्मद। Sufiyan जद 47,249
1989 कृष्ण कुमार नवमान बीजेपी 51982 ख्वाजा मोह हलीम जद 42,834
1985 बलदेव सिंह कांग्रेस 26516 ख्वाजा हलीम एम एलकेडी 23515
1980 ख्वाजा हलीम जेएनपी (एससी) 21468 नीम सिंह चौहान बीजेपी 17735
1977 मोज़िज़ अली बेग जेएनपी 30775 खवाज़ा हलीम कांग्रेस 28072
1974 इंद्र पाल सिंह बीजेएस 25756 ख्वाहामोद हलीम कांग्रेस 25,137
1969 अहमद एल खान कांग्रेस 25980 श्रीचंद सिंघल एम बीकेडी 17087
1967 I.P.Singh BJS 22,357 R.Y.R.Khwaja कांग्रेस 15006
1962 अब्दुल बशीर खान आरईपी 21909 अनंत राम वर्मा एम कांग्रेस16164
1957 अनंत राम वर्मा कांग्रेस 20655 एल एन माथुर निर्दलीय 7270